
शिव का बालिका छात्रावास
राज्य सरकार ने एक तरफ जिले के ब्लॉक मुख्यालय पर बालिकाओं से पढ़ने की ठौर स्कूल छिन ली और वहां महात्मागांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल बना दिए अब उन्हीं ब्लॉक मुख्यालय पर बालिका छात्रावास का निर्माण हो रहा है। ऐसे में सवाल यह हे कि जब ब्लॉक मुख्यालय पर बालिका विद्यालय नहीं है तो फिर चार-चार करोड़ के इन छात्रावासों का क्या औचित्य? बाड़मेर में ही छह ब्लॉक मुख्यालय ऐसे हैं जहां बालिका स्कूल बंद होने के बाद छात्रावास निर्माण हो रहा है।
बालिकाओं की शिक्षा पर चोट कर दी
एक तरफ जहां बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे के साथ सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कह रही है तो दूसरी ओर राज्य सरकार ने ही बालिकाओं की शिक्षा पर चोट कर दी है। पिछली सरकार ने महात्मागांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल जो कि ब्लॉक मुख्यालय पर खोले वहां बालिका स्कूल को ही इसमें परिवर्तित कर दिया। बाड़मेर जिले की बात की जाए तो यहां बारह ब्लॉक मुख्यालय पर बालिका विद्यालय नहीं है। इसमें से सात जगह तो सरकार ने बालिका स्कूल बंद कर अंग्रेजी मीडियम स्कूल शुरू किए।
जहां नहीं बालिका स्कूल, वहां छात्रावास- वर्तमान में जिले में गुड़ामालानी, सिणधरी, समदड़ी, धोरीमन्ना, गिड़ा, कल्याणपुर में बालिका छात्रावास बन रहे हैं। जबकि शिव व पाटोदी में निर्माण हो चुका है। इन सभी ब्लॉक मुख्यालय पर बालिका स्कूल का अभाव है। गौरतलब है कि छठीं से बारहवीं कक्षा की सौ बालिकाओं को इन छात्रावास में प्रवेश दिया जाएगा।
हर ब्लॉक पर हो बालिका स्कूल- हर ब्लॉक पर बालिका स्कूल होना चाहिए जिससे कि बालिकाएं पढ़-लिखकर आगे बढ़ पाएं। हमारे जिले में तो बालिका विद्यालयों को बंद कर अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित कर दिया है। सरकार इस पर ध्यान दे।- बसंतकुमार जांणी, जिलाध्यक्ष राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा बाड़मेर
Published on:
23 Feb 2024 11:42 pm
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