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राजस्थान का रण : गणित में उलझा थार, बूथ कैसे रहे बरकरार, आखिर क्यों? जानिए पूरी खबर

locationबाड़मेरPublished: Sep 04, 2018 09:19:13 am

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बाड़मेर. भाजपा और कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनावों में भले ही पार्टी के आधार पर वोट हासिल किए थे लेकिन इस बार विधानसभा के चेहरे मायने रखेंगे। जिले में जातीय वोटों की राजनीति हमेशा हावी रही है और अब तो जाति से बढ़कर व्यक्ति तक पहुंच गई है। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले जातिगत समीकरण इतने उलझ गए हैं कि कौन किधर रहेगा, इसको लेकर पार्टियां तक आश्वस्त नहीं है। पत्रिका ने पांच-पांच बूथ का गणित जाना जहां भाजपा-कांग्रेस पिछले चुनावों में आगे रही थी तो रोचक तथ्य सामने आए।
शिव क्षेत्र का एक बूथ है 7 नंबर। यहां कांग्रेस को बढ़त मिली थी। अल्पसंख्यक बाहुल्य इस बूथ पर इस बार का गणित भी एेसा ही रहेगा। रोचकता यह है कि यहां एक करोड़ के मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन और दो नए राजस्व गांव बनाने सहित अन्य कार्य हुए हैं लेकिन यहां जातिगत गणित हावी है। इसी तरह भाजपा को एक बूथ में बढ़त मिली थी,यहां पर स्कूल आठवीं से दसवीं में क्रमोन्नत हुआ है लेकिन विकास के अलावा यहां तत्कालीन मुद्दों का असर है। भाजपा की ओर से टिकट किसको मिलता है वोटर यही टटोल रहा है। चौहटन के बूथ संख्या 13 और 31 पर भाजपा को अच्छी बढ़त मिली। इस बार उसे कायम रखने लिए जोर लग रहा है। यहां कार्य की बजाय जनप्रतिनिधियों के जुड़ाव का प्रश्न है। इसी तरह इसी क्षेत्र के बूथ 7 व 117 पर अच्छी बढ़त लेने वाली कांग्रेस के लिए इस बार के चुनाव में भी जातीय समीकरणों के चलते ये कांग्रेस के पक्के बूथ बने हुए हैं।
जिले के इन बूथ पर भी यही हाल
जिले के गुड़ामालानी के बूथ संख्या 121, सिवाना के 42 और बायतु के 50 नंबर बूथ पर भाजपा ने कांगे्रस को मात दी थी लेकिन इस बार अंदरघात के कारण यहां वोटों का गणित बदल रहा है। बायतु के वोटर इंतजार कर रहे हैं कि सामने चेहरा कौन होगा? गुड़ामालानी का बूथ भाजपा के लिए मजबूत है और सिवाना के लिए जातिगत गणित बदल रहा है।
विकास हुआ लेकिन मायने नहीं रखता
विकास को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि काम तो हुए हैं। सरकारी योजनाओं में हर पांच साल में ग्राम पंचायतों को पचास लाख तक के काम मिल जाते हैं। बिजली, पानी, सड़क की समस्याओं का समाधान होता है अब सड़कें बनती हैं। वास्तव में अब विकास मायने नहीं रखता है। अब जातिगत वोटों के साथ व्यक्ति को देखने के बाद वोट दोनों की तस्वीर बन रही हैं।
बूथ को कर रहे मजबूत
जिन बूथ पर मजबूत रहे थे उन पर बड़ी चुनौती विश्वास को कायम रखना है। इसके लिए एेसे बूथ जहां ज्यादा वोट मिले थे वहां की समस्याओं को प्राथमिकता से निपटाया गया है। अब वहां एेसे यूथ कार्यकर्ता भी जोड़े हैं जो बूथ को मजबूत रखें। जो मजबूती से साथ खड़ा है,उसका ध्यान रखना जिम्मेदारी मानते हंै।- महावीरसिंह चूली, भाजपा जिला मंत्री
– इस बार कांग्रेस के लिए हर बूथ पर अच्छा माहौैल है। एेसे बूथ जहां कांगे्रस आगे रही है वो मूलत: कांग्रेसी वोटर हैं और वे एक साथ वोट करते हैं। इन लोगों का जुड़ाव कांग्रेस से इस बार ज्यादा इसलिए भी है कि भाजपा ने एेसे बूथ जहां वोट नहीं दिए उनका काम नहीं किया है। – मुकेश जैन, प्रवक्ता कांग्रेस
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