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उम्मीदें नहीं हुई पूरी, ख्वाहिशें रह गई अधूरी

-राज्य बजट से बाड़मेर के लोगों को थी बहुत उम्मीदें-गृहिणियां सबसे अधिक निराश, बोली-कुछ नहीं मिला-कोई भी वर्ग नहीं संतुष्ट,

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सभी ने कुछ न कुछ गिनाई कमी

सभी ने कुछ न कुछ गिनाई कमी

बाड़मेर. राज्य बजट से अधिकांश वर्ग निराश ही हुआ है। आम आदमी खुद को ठगा महसूस कर रहा है। आम आदमी को बजट से कोई सीधा फायदा नजर नहीं आता है।

पत्रिका टीम ने सोमवार सुबह बजट प्रस्तुत करने से पहले लोगों को उनकी उम्मीदों के बारे में पूछा तो अधिकांश लोगों की सबसे बड़ी उम्मीद और विश्वास था कि बालोतरा जरूर जिला बनेगा, लेकिन घोषणा नहीं होने पर निराश ही हाथ लगी।

बजट पर रखी पूरी नजर
केंद्र की बजाय लोगों को राज्य बजट से अधिक उम्मीदें होती हैं। इसी को लेकर लोग बजट की हर जानकारी के लिए टीवी के सामने बैठे थे। जैसे ही बाड़मेर का नाम आता, उनकी उम्मीदें बढ़ जाती थी। जिले की हर घोषणा को लोगों ने बड़े ध्यान से सुना, लेकिन लोगों की उम्मीदों के अनुरूप घोषणाएं नहीं होने पर उनको निराशा हाथ लगी।

किसान: वादों पर विश्वास नहीं
भले की किसानों के कर्ज माफी की बात की गई है। जब पत्रिका टीम ने किसानों से बात की तो उनका यही कहना था कि बजट में तो कुछ भी कह सकते हैं। धरातल पर कुछ करने से विश्वास होगा। काफी कुछ झेल चुके किसानों का कहना है कि सरकार कहकर ही जता रही है, कभी देकर भी दिखाए।

गृहिणियां: हमारे लिए कुछ नहीं
बजट के बारे में गृहिणियों का कहना है कि उनके लिए बजट में कुछ नहीं है। यह जरूर है कि कामकाजी महिलाओं को बच्चों की देखभाल के लिए दो साल के अवकाश की सुविधा दी है। लेकिन गृहिणियों को क्या दिया। हमें भी उम्मीद थी कि महिलाओं के लिए कुछ खास होगा। सरकार आखिरी बजट में कुछ देकर जाएगी।

व्यापारी: कोई राहत नहीं मिली
व्यापारी वर्ग सबसे अधिक उम्मीद लगाए हुए था। बजट शुरू होने से पूरा खत्म होने तक उनकी नजर रही। जब कर प्रस्ताव रखे जा रहे थे तो उनको लगा था कि कुछ राहत मिलेगी। लेकिन जब कुछ नहीं मिला तो निराशा ही हाथ लगी। हालांकि यह जरूर था कि कोई अतिरिक्त बोझ भी नहीं पड़ा।

युवा: सपनों को हकीकत में बदलें
युवाओं को यह जरूर लगा कि सरकार ने भर्ती निकालने की बात की है लेकिन कई भर्तियों की घोषणा होती है। ये इतने लम्बे समय तक अटकी रहती हैं, कई युवा तो ओवरऐज तक हो जाते हैं। इसलिए भर्ती की घोषणा पर क्रियान्विति तुरंत होनी चाहिए। जिससे युवाओं को समय पर रोजगार मिल जाए।

कर्मचारी: महिलाओं को अवकाश की बात अच्छी
कर्मचारी वर्ग को सीधा तो कोई फायदा नजर नहीं आया। यह जरूर है कि महिलाओं को बच्चों की देखरेख के लिए दो साल का अवकाश मिलेगा। लेकिन पुरुष कर्मचारियों को कुछ नहीं मिला है। इससे कार्मिकों में निराशा है। उम्मीद उनकी भी थी कि कुछ राहत मिले। आखिरी बजट था, फिर भी अवकाश के अलावा कार्मिकों को कोई तोहफा नहीं दिया।

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लोगों को ये थी बड़ी उम्मीदें

-बालोतरा बने जिला
-नर्मदा का पानी पूरे जिले को मिले

-शहरी विकास को मिले बढ़ावा
-महंगाई से मिले राहत

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बजट घोषणा: एक नजर

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का बढ़ाया मानदेय
-12000 के करीब हैं बाड़मेर में कार्यकर्ता

पुलिसकर्मियों को बढ़ा मैस भत्ता
-1700 से अधिक है बाड़मेर में पुलिसकर्मी

पटवारियों की होगी भर्ती
-223 पद हैं बाड़मेर में रिक्त

एक हजार नर्सरी टीचर्स की होगी भर्ती