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आंखों में मिर्ची डाल आभूषण लूटने की वारदात का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

- तीन माह पूर्व की घटना, पुलिस को मिली कामयाबी, जोधपुर में वारदातें अंजाम देना किया स्वीकार

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गिड़ा (बाड़मेर). सिमरखिया गांव में करीब तीन माह पहले एक ज्वैलर्स से आंखों में मिर्ची डाल सोने के आभूषण लूटने के मामले में पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार सिमरखिया गांव में तकरीबन तीन माह पहले परेऊ निवासी केशाराम पुत्र पन्नाराम सोनी के साथ आंखों में मिर्ची डाल के दो अज्ञात सोने के आभूषण व हिसाब की डायरी लूट कर भाग गए थे। गौरतलब है कि केशाराम अपनी ज्वैलर्स की दुकान से शाम को अपने घर जा रहा था, बीच रास्ते में एक बिना नंबर की मोटरसाइकिल पर दो अज्ञात लोग सामने से आए और किसी मांगीलाल के घर का पता पूछा। केशाराम ने उसे जानने से मना किया तो पीछे बैठे व्यक्ति ने उसकी आंखों में मिर्ची डाल सोने के आभूषणों का बैग छीन लिया और फरार हो गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए गिड़ा थाने के हैड कांस्टेबल प्रहलादराम, कांस्टेबल देवीलाल पूनिया,छगनलाल व अशोक कुमार की टीम बनाई। टीम ने पीडि़त के बताए हुलिए व मोटरसाइकिल के रंग के आधार पर लूटेरों की तलाश शुरू की। इस दौरान हुलिए के आधार पर दासानिया बालेसर निवासी रमेश पुत्र देवीलाल पर शक हुआ तो पुलिस ने उससे पूछताछ की। उसने घटना को अंजाम देना स्वीकार करते हुए साथी की जानकारी दी। इस पर पुलिस ने सागर आचार्य पुत्र विशम्बरलाल फतेहपुर, सीकर हाल ननिहाल देह पुलिस थाना सुरपालिया जिला नागौर को दस्तयाब किया तो उसने चोरी के कई वारदातों को स्वीकार किया।

व्यापार में घाटा हुआ तो करने लगा चोरी- लूट का आरोपित रमेश सोनी जैसलमेरजोधपुर में सुनारी की दुकान चलाता था। व्यापार में घाटा होने व गृह क्लेश के कारण उसने सुनारी का कार्य छोड़़ 2017 में संगरिया फांटा जोधपुर में किराए का मकान लिया और मजदूरी के बहाने सागर आचार्य व अन्य दो-तीन के साथ लूट के अपराध में शामिल हो गया। शुरुआत में 2018 में सागर के साथ सालावास के पास एक सुनार के गले की सोने की चेन चुराने, ा5 मई को लूणी थाना हल्के में एक सुनार से सोने के आभूषण से भरा बैग छीनना स्वीकार किया।

सागर स्मैक का आदी- लूट का दूसरा आरोपित सागर स्मैक, गांजे का आदी है। उसका पिता पत्नी की हत्या के मामले में जेल में है, जिसके चलते सागर अपने ननिहाल देह में रहता है। नशे के चलते सागर को रुपए की जरूरत रहती, इसलिए वह लूट की वारदातों को अंजाम देकर ननिहाल चला जाता।

रैकी कर देते अंजाम - इनकी गैंग में तीन-चार सदस्य हैं,जो गांवों में रैकी कर एेसे व्यापारी का चुनते थे, जो देर शाम अकेला घर आता-जाता था। इसके बाद वे मौका देख सुनसान जगह पर उसे अकेला पाकर वारदात को अंजाम देते थे। दोनों आरोपितों को बुधवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।