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बाड़मेर.एक तरफ सरकारी स्कूलों में प्रवेशोत्सव और दूसरी ओर शिक्षकों को तबादलों की चिंता। नतीजा यह हुआ कि प्रवेशोत्सव के पहले चरण में जिले के एक विद्यालय में औसतन दो छात्र भी प्रवेश नहीं ले पाए हैं। निजी स्कूलों से प्रतिस्पर्धा में पहले से ही मात खा रहे सरकारी स्कूलों में यह स्थिति चिंतनीय है।
शिक्षा सत्र खत्म होने के साथ ही जिले में प्रवेशोत्सव का पहला चरण 26 अप्रेल से 9 मई तक चलाया गया। उद्देश्य था कि इसमें 6 से 14 वर्ष के अधिकतम विद्यार्थियों का प्रारंभिक शिक्षा में प्रवेश हो लेकिन जिले के 4071 सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में महज 6083 का प्रवेश हुआ है। लक्ष्य इस साल 25 हजार के करीब का है। हालांकि अभी प्रवेश के दो चरण शेष हैं।
क्यों हुआ कम प्रवेश
- शिक्षकों का तबादलों में व्यस्त होना
- जुलाई में ही नए प्रवेश को लेकर मानसिकता
- प्रचार-प्रसार की कमी और मॉनिटरिंग का अभाव
- सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी
- निजी स्कूलों का प्रवेश को लेकर प्रचार-प्रसार तेज
फैक्ट फाइल
- 4071 स्कूल हैं प्रारंभिक शिक्षा के अधीन
- 6083 ही हुए हैं नवप्रवेश
- 2 लाख 45 हजार छात्र हैं अध्ययनरत
- 25000 का दिया गया है लक्ष्य
लक्ष्य हासिल करेंगे
-प्रवेशोत्सव तीन चरणों में पूरा होगा। अध्ययनरत छात्रों का 10 प्रतिशत लक्ष्य दिया गया है जो तीन चरणों में पूरा कर लिया जाएगा। प्रथम चरण में 6083 नवप्रवेश हुए हैं। - महेश दादाणी, जिला शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी, बाड़मेर
Published on:
18 May 2018 11:19 am
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