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निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों द्वारा भरे जाने वाले फार्म संशोधन किया, अब प्रकाशित करवानी ही होगी आपराधिक मामलों की जानकारी

locationबाड़मेरPublished: Oct 13, 2018 12:21:49 pm

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Election Commission take action against dm about counting information

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बाड़मेर. भारत निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णयानुसार उम्मीदवारों द्वारा भरे जाने वाले फार्म-26 में संशोधन किया है। इसके तहत चुनाव लडऩे वाले प्रत्येक उम्मीदवार को उनके विरुद्ध यदि कोई अपराधिक मामले दर्ज हैं, तो उसकी जानकारी चुनाव आयोग को देने के साथ ही प्रिन्ट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में व्यापक स्तर पर प्रचारित-प्रसारित करवाना अनिवार्य होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को शपथ पत्र के साथ फार्म-26 में अपनी सम्पत्ति, शैक्षणिक योग्यता और यदि कोई आपराधिक मामले या मामला हो तो उसकी जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी।
उम्मीदवारों को नामांकन के दौरान मोटे अक्षरों में आपराधिक मामलों की जानकारी दर्शानी होगी। साथ ही जिस पार्टी से टिकट ले रहे हैं उसे भी आपराधिक मामलों के बारे में सूचित करना होगा। राजनीतिक दलों को भी उम्मीदवारों से प्राप्त सूचना अपनी वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से दर्शानी होगी। प्रत्येक उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करने के बाद आपराधिक मामलों की जानकारी यदि कोई हो तो प्रिन्ट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में व्यापक तौर पर कम से कम 3 बार प्रकाशित और प्रसारित करवानी होगी।
उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने इस निर्णय की पालना के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत किसी भी प्रत्याशी पर दोष सिद्ध हो जाए या उसके विरूद्ध कोई भी आपराधिक मामला दर्ज या लंबित हो, तो उसे ऐसे प्रकरणों की जानकारी तीन अलग-अलग तिथियों में नामांकन वापसी और मतदान तिथि से 2 दिन पूर्व 12 साइज के फोंट में अपनी विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित करवानी होगी। उन्होंने बताया कि इसी तरह इलेक्ट्रोनिक मीडिया में भी मतदान से 48 घंटे पूर्व तक तीन बार अलग-अलग तिथियों में यह जानकारी प्रसारित करवानी होगी। उम्मीदवारों द्वारा प्रकाशित और प्रसारित सूचना को जिला निर्वाचन अधिकारी को चुनाव व्यय के ब्यौरे के साथ भी प्रस्तुत करना होगा।
अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्थानान्तरण नहीं करने के निर्देश
बाड़मेर . भारत निर्वाचन आयोग की ओर से 6 अक्टूबर को राजस्थान विधानसभा के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई।

जिला निर्वाचन अधिकारी (जिला कलक्टर) शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि कतिपय विभागों द्वारा तबादलों पर रोक होने के बावजूद अभी भी स्थानान्तरण किए जा रहे हैं जो कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने एक आदेश जारी कर जिले के सभी संबंधित विभागों एवं राजकीय उपक्रमों, संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अपने विभाग एवं राजकीय उपक्रमों, संस्थाओं के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का स्थानान्तरण, पदस्थापन चुनाव समाप्ति तक नहीं करें और जिन अधिकारियों, कर्मचारियों के स्थानान्तरण आदेश जारी हो चुके हैं उसकी क्रियान्विति आदर्श आचार संहिता लागू होने तक नहीं हुई है, तो उनकी क्रियान्विति भी नहीं की जाए।

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