
Hindi paper of RPAC exam Viral case on social media
बाड़मेर. आरपीएसी की वरिष्ठ शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा का हिंदी का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने का प्रकरण पुलिस के लिए गले की फांस बन गया है।
करीब 36 घंटे से अधिक समय बाद भी पुलिस मामले की तह तक नहीं पहुंच पाई है। जांच टीम शुक्रवार देर शाम तक परीक्षा केन्द्र पर जांच पड़ताल करती रही। मामले में पुलिस ने कई जनों को हिरासत में लिया है।
जिले में पेपर वायरल होने को लेकर पुलिस और प्रशासन के लिए जवाब देना भारी पड़ रहा है। पूर्व में भी यहां हुए नकल प्रकरण के बाद कई परीक्षाएं बाड़मेर में आयोजित ही नहीं हो रही है।
तमाम चाक चौबंदी के बावजूद पेपर वायरल होने की घटना ने व्यवस्थाआें की कलई खोल दी। गुरुवार सुबह 9.36 बजे पेपर के वायरल होने की जानकारी मीडियाकर्मी को मिलते ही तुरंत प्रशासन को जानकारी दी।
इसके बाद मामला सामने आ गया। पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया। जिसके बाद पुलिस की विशेष टीम जांच पड़ताल में जुटी हुई है। लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।
मीडियाकर्मी को उठाया
पुलिस ने मीडियाकर्मी को अहम गवाह मानते हुए शुक्रवार को पंचायत समिति परिसर से जबरदस्ती उठा लिया। यहां पुलिस टीम ने पहले तो पूछताछ करने की बात कही।
लेकिन बहस होने पर पुलिसकर्मियों ने उसे जबरदस्ती उठाते हुए गाड़ी में डाल दिया। फिर थाने लेकर पहुंचे। मामला गरमा जाने पर छोड़ दिया।
यह है पूरा मामला
वरिष्ठ शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा के दौरान हिंदी का पेपर गुरुवार को वायरल हो गया था। पुलिस ने गुरुवार देर रात अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की लेकिन 36 घंटे बीतने के बावजूद पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर पाई। प्रकरण में परीक्षा केन्द्र माधव महाविद्यालय के केन्द्राधीक्षक लक्ष्मीनारायण सोनी ने प्रकरण में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। मामले में सदर थाना पुलिस जांच कर रही है। प्रकरण को लेकर आयोग ने बाड़मेर प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी।
- बयान दर्ज किए, जांच जारी
पेपर वायरल के मामले में मीडियाकर्मी अहम गवाह है। इसलिए पूछताछ के लिए बुलाया था। बयान दर्ज किए हंै। मामले की जांच पड़ताल में जुटे हैं। अभी तक कुछ अपडेट नहीं है।
- सीताराम खोजा, सदर थानाधिकारी बाड़मेर
Published on:
03 Nov 2018 01:18 pm
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