5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बीएसएफ करे हां तो सरकार के खाते में एक करोड़ तैयार

बॉर्डर पर व्यू प्वाइंट बनाने को लेकर प्रशासन की ओर से बीएसएफ के साथ पिछले साल बात रखी गई थी जब 80 लाख रुपए मुख्यमत्री नवाचार निधि योजना के आए,लेकिन बीएसएफ ने इसमें रुचि नहीं ली।

2 min read
Google source verification
बीएसएफ करें हां तो सरकार के खाते में एक करोड़ तैयार

बीएसएफ करें हां तो सरकार के खाते में एक करोड़ तैयार

किसी भी योजना के फलीभूत होने में सबसे ज्यादा जरूरी होता है बजट यानि खर्च होने वाला रुपया लेकिन बॉर्डर व्यू प्वाइंट के लिए एक करोड़ रुपए तो प्रशासन के पास जेब में रखे पड़े है। मुख्यमंत्री नवाचार निधि योजना में यह राशि खर्च करने का प्रस्ताव भी प्रशासन ने बीएसएफ के सामने रखा था लेकिन बीएसएफ ने इसमें रुचि नहीं ली। सुरक्षा के कारण का तर्क है तो जब जैसलमेर, नाडाबेड गुजरात, बीकानेर और बाघा बॉर्डर से खतरा नहीं है तो शांत समझे बाड़मेर में ऐसी क्या आफत आ जाएगी, जिससे निपट नहीं पाएंगे।

बॉर्डर पर व्यू प्वाइंट बनाने को लेकर प्रशासन की ओर से बीएसएफ के साथ पिछले साल बात रखी गई थी जब 80 लाख रुपए मुख्यमत्री नवाचार निधि योजना के आए,लेकिन बीएसएफ ने इसमें रुचि नहीं ली। बीकानेर के खाजूवाला और जैसलमेर के बाबलियान में यह व्यू प्वाइंट बनाने की रुचि ली तो वहां के लिए स्वीकृति हो गई। इधर गुजरात के बॉर्डर पर भी नाडाबेड ने रुचि ली तो व्यू प्वाइंट तैयार हो गया है और खुद देश के गृहमंत्री अमित शाह ने यहां आकर शुरूआत की है,यदि पर्यटकों के बॉर्डर पर जाने से सुरक्षा को इतना खतरा होता तो गृहमंत्री यह कदम नहीं उठाते।

यह बन जाए तत्काल
मुख्यमंत्री नवाचार निधि योजना में रिट्रीट सेरेमनी के लिए सीढिय़ों का निर्माण, हॉल का निर्माण, पार्क का इंतजाम और अन्य कई सुविधाएं हो सकती है जो मुनाबाव में बीएसएफ के क्वार्टर और भारत-पाकिस्तान के गेट के पास ही हो सकती है।

प्वाइंट है सबसे अलग
मुनाबाओ में एक तरफ अकली के धोरे है तो दूसरी तरफ बीएसएफ का एरिया। इधर अंतर्राष्ट्रीय रेलवे स्टेशन मुनाबाओ और उसके पास महादेव मंदिर है। वहीं बीएसएएफ के अपने क्षेत्र में हरियाली है। जहां से दूर-दूर तक धोरों का अलग वातावरण नजर आता है।

गेट और पाकिस्तान रेलवे स्टेशन
बीएसएफ के गेट पर जाना और वहां भारत-पाकिस्तान लिखा हुआ देखना ही अपने आप को गौरवान्ति करता है। देश की कई बड़ी-बड़ी हस्तियां यहां आ चुकी है। पूर्व वित्त विदेश एवं रक्षामंत्री जसवंतसिंह यहां से पाकिस्तान जत्था ले जा चुके है। इसी गेट से थार एक्सप्रेस चलती थी और सामने पाकिस्तान का रेलवे स्टेशन भी साफ नजर आता है। बॉर्डर का यह इलाका रेगिस्तान की खूबसूरती को अपने में समेटे हुए है।

बीएसएफ ले रुचि और मिले इजाजत
बीएसएफ इसके लिए विशेष रुचि लेते हुए प्रस्ताव भेजे और यहां प्वाइंट बनाए। रही इजाजत से जाने-आने की तो यह तो और भी अच्छा होगा कि बॉर्डर तक जाने वाले लोग इजाजत लेकर जाएंगे और उनकी पूरी जानकारी खुफिया एजेंसियों के पास रहेगी।

पाकिस्तान भी यहां तैयार हो जाएगा
भारत और पाकिस्तान के बीच में रेल यहां से संचालित होती रही है। थार एक्सप्रेस देर-सवेर जब भी शुरू होगी इस जगह से ही आना जाना होगा। लिहाजा पाकिस्तान रैंजर्स भी यहां मौजूद रहेंगे। वाघा बॉर्डर की तर्ज पर यहां जब दोनों देशों की ओर से रिट्रीट सेरेमनी होगी तो यह बड़ा व्यू प्वाइंट बन सकता है।

एक्सपर्ट व्यू
बॉर्डर पर पहले काफी सख्ती थी लेकिन अब बॉर्डर टूरिज्म का नया कान्सेप्ट आया है। वाघा बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी में सैकड़ों लोग आते है, कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। वजह स्टष्ट है कि हर व्यक्ति का डाटा मौजूद रहता है और उस पर ध्यान भी। इजाजत लेकर ही उनको वहां बैठाया जाता है और बीएसएफ की पूर्ण निगरानी में रहता है। ऐसा ही मुनाबाओ में हो सकता है। जब थार एक्सपे्रस चली तब भी तो पूरी निगरानी रहती थी। जैसलमेर, बीकानेर और नाडाबेड (गुजरात) में इंतजाम कर सकते है तो फिर बाड़मेर में कहां दिक्कत आ रही है, बाड़मेर में भी आगे आकर इसको करना चाहिए।

- कर्नल सुरेश व्यास, सेवानिवृत्त अधिकारी


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग