पंचायत समिति मुख्यालय पाटोदी की आबादी दस हजार से अधिक है। यहां बड़ा बाजार है। दर्जनों गांव इससे जुड़े हुए हैं। पंचायत समिति पाटोदी में 21 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें लाखों लोग निवास करते हंै। ग्रामीण क्षेत्र में छितराई आबादी व ढाणियों में हर साल आग लगने की घटनाएं होती हैं। इस पर बालोतरा से दमकल बुलवानी पड़ती है, लेकिन उसके यहां पहुंचने पर कुछ भी नहीं बचता है। बालोतरा से पाटोदी 35 किलोमीटर व क्षेत्र के गांव 50-60 किलोमीटर दूर है। ग्रामीण मार्ग खस्ताहाल है। इस पर आग लगने की घटना के कई घंटों बाद दमकल पहुंचती है।
हर साल सैकड़ों घर आग की भेंट- क्षेत्र में अधिकांश लोग कच्चे घरों में रह रहे हैं। यहां चूल्हे पर ही खाना पकाया जाता है। इससे निकलने वाली चिंगारी से कच्चे झोंपे, मकान आदि आग की चपेट में आते हैं। हर साल सैकड़ों घर आग की भेंट चढ़ रहे हैं। एेसे में यहां फायरब्र्रिगेड की जरूरत है। बालोतरा से दमकल पहुंचने में करीब दो घंटे लग जाते हैं। एेसे में जब तक दमकल पहुंचती है तब तक सब कुछ स्वाह हो जाता है।
सरकार दमकल उपलब्ध करवाएं- पंचायत समिति व उप तहसील मुख्यालय होने के बावजूद दमकल की व्यवस्था नहीं है। सरकार दमकल उपलब्ध करवाएं तो गरीबो का लाखों रुपए का नुकसान बच सकता है। – मिश्राराम मेघवाल, सरपंच रिछोली
लाखों का होता नुकसान- हर साल कई जगह पर आग लगने पर लाखों का नुकसान होता है। पंचायत समिति स्तर पर दमकल की व्यवस्था नहीं होने से गरीबों को नुकसान होता है।-देवाराम किता, ग्रामीण