राजस्थान व गुजरात दोनों प्रदेशों में टिड्डी नियंत्रण संगठन अलर्ट पर आ गया है। केन्द्र सरकार के उच्चाधिकारी भी इसकी रिपोर्ट ले रहे हैं। जैसलमेर के रामदेवरा के निकट गलार गांव में टिड्डी दल को नियंत्रित करने के लिए प्रदेशभर की टीम पहुंच चुकी हैं। टिड्डी नियंत्रण के लिए मैथालिन का स्प्रे किया जा रहा है। पाकिस्तान की ओर से शुक्रवार को भी टिड्डी दल आने की जानकारी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान में नियंत्रित नहीं होने से यह आगे बढ़ रहा है।
यहां रामदेवरा में इस पर नियंत्रण के प्रयास हो रहे हैं लेकिन पाकिस्तान से ही यह हवा के रुख के साथ फैलता है तो गुजरात, बीकानेर और फलौदी तक पहुंच सकता है। इसके लिए सभी जगह अलर्ट कर दिया गया है।
इधर, गोडावण के लिए खतरा रामदेवरा, पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज, लाठी, धोलिया के आसपास के क्षेत्र में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक गोडावण हैं। नई दिल्ली स्थित गुरु गोविंदसिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.सुमित डूकिया ने बताया कि टिड्डी गोडावण का प्रिय भोजन है।
कृषि विभाग व टिड्डी नियंत्रण दल की ओर से कीटनाशक का छिड़काव कर टिड्डी को मारने के प्रयास किए जा रहे हैं। इससे टिड्डी की मौत के बाद यदि गोडावण उसे खा लेती है, तो उसके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर होगा तथा जानलेवा भी साबित हो सकता है। विभिन्न संगठनों ने इस संबंध में ज्ञापन सौंपकर गोडावण रहवासस्थल से दूर छिड़काव करने की मांग की है।
केन्द्र सरकार के उच्चाधिकारी ले रहे रिपोर्ट केन्द्र सरकार के उच्चाधिकारियों की ओर से टिड्डी नियंत्रण की रिपोर्ट ली जा रही है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि टिड्डी फैल जाती है तो यह देश की खाद्य सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा है। फसलों और वनस्पति को टिड्डी देखते ही देखते चौपट कर जाती है।
नवंबर तक है खतरा टिड्डी के लिए नवंबर तक मौसम अनुकूल है। पाकिस्तान नियंत्रित नहीं कर पाता है तो यह कब तक और कितनी आएगी कुछ नहीं कहा जा सकता है। एेसे में विभाग सतर्क है।
बाड़मेर में सर्वे 27 से टिड्डी नियंत्रण संगठन की ओर से 27 से 30 मई तक बाड़मेर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में सर्वे किया जाएगा। जिला प्रशासन व कृषि विभाग को भी अलर्ट किया गया है।