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ये पांच योग मिलते हैं तब लगता सुइयां मेला

अगले वर्ष 30 दिसम्बर 2024 को मरुकुम्भ सुइयां पोषण मेला

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सुइयां मेले को लेकर पोस्टर का विमोचन करते हुए।


अगले वर्ष 30 दिसम्बर 2024 को लगने वाले मरुकुम्भ सुइयां पोषण मेले को लेकर एक साल पहले ही चौहटन मठ द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है। सुइयां पोषण मेला की तैयारियों को लेकर चौहटन मठ के महंत जगदीशपुरी के सानिध्य में गुरुवार को वीरात्रा माता मंदिर परिसर में मेले के बैनर एवं पोस्टर का विमोचन किया गया।

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इस दौरान महंत जगदीशपुरी, वीरात्रा ट्रस्ट के अध्यक्ष सगतसिंह परो, सचिव भैरसिंह ढोक सहित कई ट्रस्टी एवं भक्तजन उपस्थित थे, महंत जगदीशपुरी ने सुइयां पोषण मेले के आयोजन एवं इसकी तैयारियों को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया अगले वर्ष 30 दिसंबर 2024 को पोष वदी अमावस्या एवं सोमवार को सुइयां मेले के योग बने हैं, मेले के लिए 29 दिसम्बर को लाखों श्रद्धालू एवं साधुसंत यहां पहुंचेंगे तथा 30 दिसम्बर 2024 को सोमवती अमावस्या को पवित्र स्नान एवं तीर्थ दर्शन करेंगे। महंत जगदीशपुरी ने बताया कि सुइयां का मेला इस इलाके सबसे बड़ा मेला है, विशेष योग पर आयोजित होने वाले इस में दस लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है इसलिए तैयारियां शुरू की गई है।

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पांच योग एक साथ होने पर लगता है सुइयां पोषण मेला:- विक्रमी संवत के अनुसार पौष माह, अमावस्या, सोमवार, व्यातिपात योग एवं मूल नक्षत्र का योग एक ही समय में मिलने पर ही सुइयां का पवित्र स्नान मेला लगता है। इस पांच योग के पवित्र संगम पर पांच पवित्र स्थलों के पवित्र जल से श्रद्धालु स्नान करते है।


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