उपखंड मुख्यालय पर नहीं एक भी शौचालय, गंदगी व बदबू से बेहाल
बाड़मेरPublished: Dec 19, 2018 09:09:52 am
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Not a single toilet, dirt and stink on subdivision headquarters
कॉम्पलेक्स बने तो, सुलभ हो सफर
उपखंड मुख्यालय पर नहीं एक भी शौचालय, गंदगी व बदबू से बेहाल
बाहर से आने वाले ग्रामीणों, यात्रियों व दुकानदारों के लिए खुले में लघुशंका मजबूरी शिव . स्वच्छ भारत अभियान के तहत अधिकारियों ने खुले में शौच जाने वालों के पीछे पहुंच उनसे समझाइश तो बहुत की, लेकिन उपखंड मुख्यालय पर एक भी शौचालय नहीं बनवा पाए। ऐसे में यहां रोजाना पहुंचने वाले ग्रामीणों व दुकानदारों को लघुशंका के लिए भी खुले में ही जाना पड़ता है। इससे चारों ओर गंदगी तथा बदबू का वातावरण है। लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। सबसे अधिक परेशानी यहां आने वाली महिलाओं को होती है।
उपखंड मुख्यालय पर दर्जनों सरकारी कार्यालय निजी उपक्रम बैंक व पोस्ट ऑफिस के अलावा कई बसों का आवागमन होता है। सुलभ कॉम्प्लेक्स के अभाव में लोगों को लघुशंका के लिए भी खुलने में ही जाना पड़ता है।
योजनाओं का फायदा नहीं : ग्रामीण विकास पंचायती राज विभाग की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय बनाने की योजनाएं चलाई जा रही है, लेकिन आम लोगों को इसका फायदा नहीं हो रहा है। जिला परिषद, पंचायत समिति, ग्राम पंचायत की ओर से टीएफसी, एसएससी योजनाओं में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करवाया जा सकता है। इन योजनाओं पर सालाना करोड़ों का बजट खर्च भी होता है।
वर्षों पूर्व निर्मित शौचालय हुए खंडहर : कस्बे के जोरानाडा सड़क किनारे वर्षों पूर्व बने शौचालय इन दिनों पूर्ण रूप से खंडहर हो गए हैं। शौचालयों की दीवार भी बिखर गई तथा चारों ओर बबूल की झाडिय़ों से भी घिर गया है।
महिलाओं को परेशानी
&उपखंड मुख्यालय पर रोजाना सैकड़ों महिलाएं रोजमर्रा के काम के लिए पहुंचती हैं। उनके किसी काम से पूरा दिन बीतने पर लघुशंका को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
– मंजू चौधरी,
समाजिक कार्यकर्ता
स्वीकृति दी है
&स्वच्छ भारत मिशन के तहत पंचायत समिति की ओर से सुलभ कॉम्पलेक्स के लिए लाखों रुपए की स्वीकृति जारी की गई हैं। जल्द ही स्थान का चयन कर कार्य शुरू करवाया जाएगा।
– स्वरूप कंवर, प्रधान, पंचायत समिति शिव
&कस्बे में काफी विकास हुआ है, ऐसे में सुलभ कॉम्पलेक्स अति आवश्यक हो है। पंचायत समिति को प्राथमिकता से इसका निर्माण करवाना चाहिए। – हीरानाथ स्वामी, पूर्व उपसरपंच