एक सप्ताह से मौसम में उतार-चढ़ाव से मौसमी बीमारियों ने लोगों को फिर से अपनी चपेट में ले लिया है। इससे बड़ी संख्या में लोग बुखार, खांसी, जुकाम, उल्टी, दस्त, सिर, बदन व पैर दर्द से परेशान है। इस पर चिकित्सालय खुलने से पहले ही लोग यहां उपचार के लिए पहुंचते हैं। चिकित्सक कक्षों के आगे मरीजों की लंबी कतार लगी दिखाई देती है। एक सप्ताह से शहर व क्षेत्र के सरकारी चिकित्सालयों में मरीजों का आउटडोर बढ़ गया है। घंटों इंतजार के बाद भी बारी नहीं आने व चिकित्सालय समय पूरा होने पर मरीज चिकित्सकों के निवास पर पहुंच उपचार करवाते हैं। देरी से उपचार मिलने के साथ इसके महंगे खर्च से मरीजों की हालत खस्ता हो गई है।
आउटडोर बढ़ा- शहर के राजकीय नाहटा चिकित्सालय में सामान्य दिनों में उपचार के लिए 350 से 415 मरीज पहुंचते हैं, लेकिन मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढऩे से आउटडोर बढ़ गया है। शादियों की तिथियों को छोड़ शेष दिनों में उपचार के लिए अधिक मरीज पहुंचे। 15 अप्रेल को 749, 16 को 660, 18 को 734, 20 को 716, 22 को 740 मरीज उपचार के लिए पहुंचे।
आउटडोर बढ़ा- शहर के राजकीय नाहटा चिकित्सालय में सामान्य दिनों में उपचार के लिए 350 से 415 मरीज पहुंचते हैं, लेकिन मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढऩे से आउटडोर बढ़ गया है। शादियों की तिथियों को छोड़ शेष दिनों में उपचार के लिए अधिक मरीज पहुंचे। 15 अप्रेल को 749, 16 को 660, 18 को 734, 20 को 716, 22 को 740 मरीज उपचार के लिए पहुंचे।