बालोतरा . प्रदूषण की समस्या को लेकर प्रभावित जसोल का वस्त्र उद्योग एक वर्ष से कम समय में इससे मुक्त होगा। उद्यमी बिना प्रदूषण के भय से उद्योग संचालित कर सकेंगे। प्रदूषित पानी पुन: उपयोग में आने पर कीमती जल की बड़ी बचत होगी।
जसोल में केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय, प्रदेश सरकार व सीईटीपी जसोल की ओर से संयुक्त रुप से बनाए जाने वाले 2.5 एमएलडी क्षमता के आर.ओ. प्लांट पर यह संभव होगा। बुधवार से इसका कार्य प्रारंभ होने के आठ माह में यह तैयार होगा।
प्रदूषण को लेकर बालोतरा व जसोल का वस्त्र उद्योग पिछले कई वर्षों से प्रभावित है। प्रदूषित पानी के निस्तारण की समस्या को लेकर उद्योग को संचालित करने वाली सीईटीपी को कुछ-कुछ समय बाद वस्त्र उद्योग को बार-बार बंद रखना पड़ता है। इससे प्रभावित कामकाज पर उद्यमियों को व्यापार व श्रमिकों को रोजगार को लेकर परेशानी उठानी पड़ती है। इस पर लंबे समय से इसके स्थायी समाधान की जरूरत व मांग की जा रही है।
केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय ने प्रदूषण की समस्या के स्थायी समाधान के लिए प्रदेश सरकार व सीईटीपी ट्रस्ट की संयुक्त हिस्सेदारी में आरओ. प्लांट निर्माण की स्वीकृतिजारी की थी। इसमें लागत राशि में से 50 फीसदी वस्त्र मंत्रालय व 25-25 फीसदी राशि प्रदेश सरकार, सीईटीपी को वहन की जानी है। जसोल में 2.5 एमएलडी प्लांट निर्माण को लेकर 28 करोड़ खर्च होंगे। बुधवार से इसका निर्माण कार्य शुरू होगा। एक कम्पनी आठ माह में प्लांट बनाकर सीईटीपी ट्रस्ट को सुपुर्द करेगी। यह प्लांट अत्याधुनिक नैनो फिल्टरेशन पद्धति का थ्री स्टेज का प्लांट होगा। इसमें अच्छी क्वालिटी का पानी उपचारित होगा। इसे पीने के रूप में भी उपयोग में लिया जा सकेगा।
पानी, समय व धन की होगी बड़ी बचत
आठ माह में बनकर तैयार होने वाले 2.5 एमएलडी क्षमता के आरओ. प्लांट में उपचारित होने वाला प्रदूषित पानी 80 फीसदी पुन: काम में आएगा। इससे कीमती पानी की बड़ी बचत होगी। वर्तमान में कारखाना संचालक 1200 रुपए प्रति टैंकर की दर से मीठा पानी खरीद रहे हैं। जो 7000 से 8000 हजार टीडीएस है। जबकि ट्रस्ट से उपचारित पानी की टीडीएस 800 से 1000 होगी। ट्रस्ट 700 रुपए प्रति टैंकर के हिसाब से उद्यमियों को पानी उपलब्ध करवाएगा। इससे कम टीडीएस का पानी कम कीमत में मिलने पर उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी। आरओ. प्लांट से उपचारित पानी को ट्रस्ट पेयजल लाइन से उद्यमियों को मांग के अनुसार उपलब्ध करवाएंगा।
आठ माह में तैयार होगा प्लांट
&बुधवार से प्लांट निर्माण का कार्य वधिवत रूप से किया जाएगा। आठ माह में यह बनकर तैयार होगा। इससे कीमती पानी, समय के साथ धन की बड़ी बचत होगी। प्रदूषण का स्थायी समाधान होगा। उद्यमी पूरी क्षमता से उद्योग चला सकेंगे।
– भरत मेहता, अध्यक्ष सीईटीपी ट्रस्ट जसोल
जसोल में केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय, प्रदेश सरकार व सीईटीपी जसोल की ओर से संयुक्त रुप से बनाए जाने वाले 2.5 एमएलडी क्षमता के आर.ओ. प्लांट पर यह संभव होगा। बुधवार से इसका कार्य प्रारंभ होने के आठ माह में यह तैयार होगा।
प्रदूषण को लेकर बालोतरा व जसोल का वस्त्र उद्योग पिछले कई वर्षों से प्रभावित है। प्रदूषित पानी के निस्तारण की समस्या को लेकर उद्योग को संचालित करने वाली सीईटीपी को कुछ-कुछ समय बाद वस्त्र उद्योग को बार-बार बंद रखना पड़ता है। इससे प्रभावित कामकाज पर उद्यमियों को व्यापार व श्रमिकों को रोजगार को लेकर परेशानी उठानी पड़ती है। इस पर लंबे समय से इसके स्थायी समाधान की जरूरत व मांग की जा रही है।
केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय ने प्रदूषण की समस्या के स्थायी समाधान के लिए प्रदेश सरकार व सीईटीपी ट्रस्ट की संयुक्त हिस्सेदारी में आरओ. प्लांट निर्माण की स्वीकृतिजारी की थी। इसमें लागत राशि में से 50 फीसदी वस्त्र मंत्रालय व 25-25 फीसदी राशि प्रदेश सरकार, सीईटीपी को वहन की जानी है। जसोल में 2.5 एमएलडी प्लांट निर्माण को लेकर 28 करोड़ खर्च होंगे। बुधवार से इसका निर्माण कार्य शुरू होगा। एक कम्पनी आठ माह में प्लांट बनाकर सीईटीपी ट्रस्ट को सुपुर्द करेगी। यह प्लांट अत्याधुनिक नैनो फिल्टरेशन पद्धति का थ्री स्टेज का प्लांट होगा। इसमें अच्छी क्वालिटी का पानी उपचारित होगा। इसे पीने के रूप में भी उपयोग में लिया जा सकेगा।
पानी, समय व धन की होगी बड़ी बचत
आठ माह में बनकर तैयार होने वाले 2.5 एमएलडी क्षमता के आरओ. प्लांट में उपचारित होने वाला प्रदूषित पानी 80 फीसदी पुन: काम में आएगा। इससे कीमती पानी की बड़ी बचत होगी। वर्तमान में कारखाना संचालक 1200 रुपए प्रति टैंकर की दर से मीठा पानी खरीद रहे हैं। जो 7000 से 8000 हजार टीडीएस है। जबकि ट्रस्ट से उपचारित पानी की टीडीएस 800 से 1000 होगी। ट्रस्ट 700 रुपए प्रति टैंकर के हिसाब से उद्यमियों को पानी उपलब्ध करवाएगा। इससे कम टीडीएस का पानी कम कीमत में मिलने पर उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी। आरओ. प्लांट से उपचारित पानी को ट्रस्ट पेयजल लाइन से उद्यमियों को मांग के अनुसार उपलब्ध करवाएंगा।
आठ माह में तैयार होगा प्लांट
&बुधवार से प्लांट निर्माण का कार्य वधिवत रूप से किया जाएगा। आठ माह में यह बनकर तैयार होगा। इससे कीमती पानी, समय के साथ धन की बड़ी बचत होगी। प्रदूषण का स्थायी समाधान होगा। उद्यमी पूरी क्षमता से उद्योग चला सकेंगे।
– भरत मेहता, अध्यक्ष सीईटीपी ट्रस्ट जसोल