
रतन दवे
बाड़मेर Rajasthan election 2023 : बॉर्डर के इलाके का रोटी-बेटी का रिश्ता पाकिस्तान से है। इन दिनों यहां के कई स्थानीय नेता चुनाव में टिकट की दौड़ में है तो पाक में भी उनके नाते- रिश्तेदार और चाहने वाले दुआ पढ़ रहे है कि इनको टिकट मिले।
अमीनखां (शिव)
अमीनखां का ससुराल पाकिस्तान में गोगासर में है। अमीन बॉर्डर के गांव देताणी में रहते है, जिसके सामने के गांवों में ही उनके ससुराल है। अमीनखां पाकिस्तान यात्रा पर कई बार गए है। उनके विधायक बनने से लेकर चुनाव लड़ते तक उत्सुकता पाकिस्तान में उनके परिजनों को रहती है। 1980 से चुनाव लड़ रहे अमीनखां दसवीं बार टिकट के दावेदार है।
तरूणराय कागा (चौहटन)
पाक विस्थापितों के नेता है। 1971 की लड़ाई में भारत आए और यहां सीमावर्ती चौहटन में बस गए। सरकारी नौकरी बाद भाजपा से चुनाव लड़ा और 2013-18 में विधायक रहे। पाक विस्थापितों के नेता । वे विधायक रहते हुए औैर इसके बाद भी पाकिस्तान गए है। पाक विस्थापित परिवारों के जिले के पहले लीडर है, जिनको विधायकी मिली थी।
शाले मोहम्मद (पोकरण)
शाले मोहम्मद जैसलमेर के सीमावर्ती इलाके के भागू का गांव के है। वे सिंधी मुसलामानों के धर्मगुरु है। जिनके अनुयायी पाकिस्तान के सिंध इलाके में भी है। शाले मोहम्मद व उनके परिवार के सदस्य पाकिस्तान कई बार आए-गए है।
मानवेन्द्रसिंह (जैसलमेर)
पाकिस्तान में मानवेन्द्र के पारीवारिक ताल्लुकात है। हिंगलाज माता के भक्त है और पिता जसवंतसिंह के साथ यात्रा में गए थे। इसके बाद पिछले साल हिंगलाज माता मंदिर दर्शन को भी गए थे।
फतेहखां जिलाध्यक्ष के पक्ष में भी
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फतेहखां भी शिव से चुनाव लड़ रहे है, उनको लेकर भी पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हुई है। यह पोस्ट भी चर्चा में आई।
एक लाख लोग देंगे वोट
बाड़मेर जिले में एक लाख से अधिक पाक विस्थापित है। 1947 से 2023 तक ये लगातार भारत आए है। ये लोग भारतीय नागरिकता मिलने के बाद यहां वोट दे रहे है। चौहटन में सर्वाधिक 50 हजार के करीब पाक विस्थापितों के वोट है। शिव और बाड़मेर में भी यह संख्या हजारों में हैै।
Published on:
19 Oct 2023 08:11 am
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