
- गुड़ामालानी क्षेत्र के सिंधासवा के एक खेत मे बारिश से खराब हुई जीरे की फसल
गुड़ामालानी उपखंड क्षेत्र में इस सप्ताह हुई बेमौसम बारिश व ओस, पाला पड़ने से इसबगोल व विशेषकर जीरे की फसल में खराबा हुआ है। इस बार क्षेत्र में हुई इसबगोल व जीरे की बम्पर बुआई के बाद बिगड़े मौसम ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। फसलों में करीब पचास- साठ फीसदी तक खराबा पहुंचा है। निराश किसान सरकार व प्रशासन से शीघ मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
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जीरे की फसल मुरझाई
पांच दिन पूर्व उपखंड क्षेत्र में मौसम परिवर्तन होने के साथ सोमवार व मंगलवार को बेमौसम बारिश हुई। इससे खेतों में जीरे की फसल मुरझाकर काली पड़ गई। फसल खराब होने से किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया। इसको लेकर पत्रिका टीम ने गुड़ामालानी के क्षेत्र के सिंधासवा हर्नियान, रतनपुरा, भाखरपुरा, बांटा, नगर, मौखावा आदि कई गावों में खेतों का जायजा लिया तो नेहड़ बेल्ट सहित पूरे क्षेत्र में बेमौसम से फसलों में खराबा नजर आया। किसान चिंतित नजर आए। सिंधासवा हरनियान के किसान भैराराम कलबी ने बताया कि इस बार जीरे की फसल अच्छी थी, लेकिन ज्यादा ओस एवं बरसात के कारण जीरा खराब हो गया है। अभी प्रशासन की राजस्व टीम ने नुकसान का जायजा नहीं लिया और ना ही सर्वे व गिरदावरी रिपोर्ट हो पाई है। रतनपुरा,के कई खेतो में तो खराबा 75 फीसदी से भी अधिक है। किसानों ने कर्ज लेकर व मेहनत लगाकर रुपए खर्च कर इसबगोल व जीरे की बंपर बुवाई की थी।
ऋण चुकाने की चिंता
मौसम की मार से अब फसलें खराब होने से किसानों को सरकारी समितियां का ऋण चुकाने की चिंता बन गई है। सिंधासवा के किसान कृष्ण कुमार ने बताया कि बेमौसम बारिश व पाले से सर्वाधिक जीरे की फसल में नुकसान पहुंचा है। सरकार से अब उम्मीद बची है कि वे सर्वे करवाकर नुकसान के अनुरूप मुआवजा देकर क्षेत्र के किसानों को राहत दें। नेहड़ बेल्ट के किसान हरिसिंह, किसनाराम, अणदाराम, दीपाराम, जोधाराम, डूंगराराम, हीराराम, खींदाराम आदि ने इसबगोल व जीरे की फसल में नुकसान बताते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों व तहसीलदार को खराब फसलें दिखाकर गिरदावरी करवा मुआवजा दिलाने की मांग की ।
Published on:
20 Feb 2024 12:13 am
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