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Rajasthan Election: मानवेंद्रसिंह को जैसलमेर की जगह सिवाना से क्यों मिला टिकट, सामने आई ये बड़ी वजह

Rajasthan Election 2023: कांग्रेस ने मंगलवार को चौथी सूची में बाड़मेर के तीन प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इसमें शिव से दसवीं बार 84 साल के अमीनखां पर भरोसा किया गया है। सिवाना से मानवेन्द्र को प्रत्याशी बनाया गया है। मानवेन्द्र जैसलमेर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके थे।

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Rajasthan election 2023 कांग्रेस ने मंगलवार को चौथी सूची में बाड़मेर के तीन प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। इसमें शिव से दसवीं बार 84 साल के अमीनखां पर भरोसा किया गया है। सिवाना से मानवेन्द्र को प्रत्याशी बनाया गया है। मानवेन्द्र जैसलमेर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके थे। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उनकी इच्छा को नजर अंदाज करते हुए 2008 से हार रही सिवाना सीट से चुनान मैदान में उतारा है। मानवेंद्रसिंह को टिकट मिलने के बाद सिवाना से दावेदारी कर रहे सुनील परिहार ने अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई है। इनका क्या रुख रहता है यह भी देखने वाली बात होगी। इधर, चौहटन से फिर पदमाराम मेघवाल पर ही भरोसा किया गया है।

मानवेन्द्र- जैसलमेर- टू- सिवाना


सिवाना विधानसभा से पैनल में मानवेन्द्रसिंह का नाम नहीं था और यहां से 19 लोग दावेदारी में थे। मानवेन्द्र जैसलमेर से चुनाव लड़ने के लिए तैयारी प्रारंभ कर चुके थे और वहीं से चुनाव लड़ने की इच्छा थी लेकिन उनको सिवाना से प्रत्याशी घोषित किया गया है। मानवेन्द्र को जैसलमेर से प्रत्याशी बनाने में रूपाराम मेघवाल का पेच फंस गया था। देर रात जैसलमेर से रूपाराम मेघवाल को प्रत्याशी घोषित किया गया है। मावनेन्द्रसिंह पूर्व में सांसद रहे हैं और उनका गृहक्षेत्र जसोल पचपदरा में है।

सामने : भाजपा की ओर से सामने हमीरसिंह भायल प्रत्याशी है। हमीरसिंह दो बार लगातार जीते हुए प्रत्याशी है।

टिकट की वजह : राहुल गांधी का निर्णय, जैसलमेर का विकल्प, सिवाना से टिकट मांगने वालों की लड़ाई

मैने निर्णय राहुल गांधी पर छोड़ रखा था, उन्होंने सिवाना को चुना। मुझे हर चुनौती स्वीकार है।

- मानवेन्द्रसिंह, प्रत्याशी सिवाना

अमीनखां- दसवीं बार-बुढ़ापा फतेह


अमीनखां ने जिद पकड़ ली थी कि इस बार वे चुनाव लड़ेंगे और जिद भी ऐसी कि वो अपनी टिकट के लिए अड़े हुए रहे। अमीनखां के सामने जिलाध्यक्ष फतेहखां की दावेदारी थी। उन्होंने फतेहखां पर आरोप प्रत्यारोप तो लगाए ही वे कई दिनों से दिल्ली-जयपुर पहुंचकर अपनी टिकट की जद्दोजहद में कोई कमी नहीं रखे हुए थे। अमीनखां की जिद को पार्टी ने तवज्जो देते हुए उनको दसवीं बार टिकट दिया है। एक ही पार्टी से लगातार दसवीं बार टिकट लाने का रिकार्ड भी अमीनखां ने जिले में अपने नाम कर लिया है। अमीनखां की बुढ़ापे की यह फतेह रही और टिकट पाने में फतेहखां का पत्ता कट गया।

टिकट की वजह : कद्दावर अल्पसंख्यक नेता, नौ बार चुनाव लड़ चुके और खुद अड़ गए थे। टिकट नहीं देने पर खराबा करने का अंदेशा।

अब सामने कौन? शिव से अमीनखां की टिकट तय होने के बाद अब भाजपा के लिए सामने टिकट किसको दिया जाए यह विचार शुरू हो गया है। यहां पर भी युवा नेता ने अभी ज्वाइन करवाया है औैर उधर पहले से लंबी सूची है।


अब कांग्रेस में एक सवाल बचा- हेमाराम?

कांग्रेस की पांचवीं सूची जारी होने के बाद अब एक सवाल बचा है गुड़ामालानी से कौन? पैैनल में एक नाम हेमाराम का है और वे खुद चुनाव चुनाव से इनकार कर चुके है। हेमाराम चुनाव नहीं लड़ने का पत्र कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेज चुके हैै। पार्टी की ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया भी नहीं आई है। अब पांचवीं सूची में हेमाराम का नाम नहीं होने से यह सवाल चर्चा में आ गया है।

कांग्रेस से बाड़मेर जिले की सात सीटों में से छह पर प्रत्याशियों के नाम आ चुके है। आवेदन करने का दूसरा दिन भी खत्म हो गया है। ऐसे में अब जहां से प्रत्याशी नहीं आए है वहां से चर्चाएं ज्यादा होने लगी हैै। गुड़ामालानी सीट को लेकर भी अब यह स्थिति है। यहां कांग्रेस के प्रत्याशी माने जाने वाले हेमाराम चौधरी खुद चुनाव नहीं लड़ने का कह चुके हैै। पार्टी उनके इनकार के बाद में पांचवीं सूची में भी नाम फाइनल नहीं कर पाई।

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