
खेतों में सूख रहीं फसलें (फोटो- पत्रिका)
गडरारोड (बाड़मेर): सीमावर्ती क्षेत्र में इस बार शुरुआत में अच्छी बारिश के बाद किसानों द्वारा ग्वार, बाजरा की बंपर बुवाई की गई। क्षेत्र में लगातार बारिश होने से फसलें भी अपेक्षा अनुसार उग आई। लेकिन पिछले एक महीने से बारिश नहीं होने से अब फसल पीली पड़ने के साथ सूख रही है।
अंतिम सरहदी गांवों में बारिश की बेरुखी ने किसानों की नींद उड़ा दी है। पिछले तीन महीने से खेतों में काम कर रहे किसानों की अब तक ग्वार में फली नहीं लगने, बाजरा पीला पड़ने से चिंता बढ़ गई। ऐसी ही नजारा मूंग, मोठ, तिल की फसलों में भी देखने को मिल रहा है।
आमतौर पर इन दिनों में ग्वार फलियों की बहार आ जाती है। घर-घर देशी ग्वार-फलियों, काचर, मतीरों की सब्जियां महकने लगती हैं, लेकिन इस बार अभी तक ग्वार फली लगी नहीं, टिंडसी, काचर, मतीरों की बेल भी खाली पड़ी है।
पशुपालकों के समक्ष अभी से चारे का संकट उत्पन हो गया है। बारिश के बाद सेवन उग आई, भूरट अब जलने लग गए हैं।
गडरारोड तहसील के गिराब, सेहला, उगेरी, बंधडा, पाबुसरी,खलीफा की बावड़ी, सालम सिंह की बस्ती, द्राभालिया, पीथाकर, मुनाबाव, अकली, चेतरोड़ी, बाहला, बिजावल, रतरेड़ी कला, सजनानी, रोहिड़ाला, जैसिंधर सहित डीएनपी क्षेत्र के कई गांवों में बारिश का इंतजार है।
खेतों में ग्वार, बाजरा की फसल अच्छी उग आई है, लेकिन पानी के अभाव में वृद्धि नहीं हो रही है। बाजरा पीला पड़ने लगा है। घास भी सूखने लग गई हैं। आने वाले 5-7 दिन में बारिश नहीं होने से किसानों की मेहनत बेकार जाती दिख रही है।
-गोपाल सिंह सोढ़ा, खाद बीज विक्रेता
किसानों के मुंह आया निवाला छिन रहा है। बारिश के अभाव में ग्वार, मूंग, मोठ, तिल की फसलें बढ़ नहीं रही हैं। खेत अभी भी हरे भरे पड़े हैं, लेकिन फसलों को बारिश रूपी जीवन दान नहीं मिला तो वे जल जाएंगी। किसानों के चेहरे पर मायूसी छाने लगी हैं।
-मूलाराम मेघवाल, किसान, चंदनिया
Published on:
30 Aug 2025 02:16 pm
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