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बाड़मेर

Monsoon 2024 : राजस्थान में कैसा रहेगा मानसून? देसी तरीके ने दिया संकेत, होगी जमकर बारिश

Monsoon 2024 : आखातीज पर्व पर पुरानी परम्पराओं से मानसून का शगुन बिचारा गया। शगुन में सुकाल के संकेत मिले। भादो व आसोज के कुल्हड़ फूट गए। रूई भी डूबी। अब यह तय हो गया है कि मानसून में इस बार भरपूर बारिश होगी और जमाना भी अच्छा रहेगा।

बाड़मेरMay 11, 2024 / 04:50 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan How will be Monsoon 2024 Desi Method Indicated it will Heavily Rain

Monsoon 2024 : राजस्थान में कैसा रहेगा मानसून?

Monsoon 2024 : बाड़मेर में आखातीज के पर्व पर पुरातन परपराओं को जीवित रखते हुए उन्हें आधार मानकर व्यापारियों ने शुक्रवार को शगुन देखे, जिसमें इस साल सुकाल के संकेत मिले। मानसून भी अच्छा रहेगा और थार में भरपूर बारिश होगी। संघ के उपाध्यक्ष गौतम संखलेचा चमन ने बताया कि पुरानी परपरा को कायम रखते हुए पिछले दो दशकों से शगुन देखने की परपरा चल रही हैै। जिसमें व्यापारी शामिल होते है। अध्यक्ष हंसराज कोटडिया ने बताया कि शगुन देखने के लिए अक्षय तृतीय पर बारिश के लिए मिट्टी के कुल्हड़ बनाए गए। जिसमें आषाढ, सावन, भादवा व आसोज नाम रखा गया। मूल स्तभ में भादवा व आसोज के कुल्हड़ फूटे। जिससे संकेत होता है कि बारिश उक्त दोनों महीनों में काफी अच्छी होगी।

जमाना भी होगा अच्छा

सचिव पवन सिंघवी ने बताया कि शगुन देखने के दौरान काली व सफेद ऊन के दो फोहे बनाकर पानी में डाले गए। दोनों फोहे नहीं डूबने का यह संकेत है कि जमाना भी अच्छा रहेगा। इस दौरान सपतराज बोथरा, रमेश पारख, दिनेश भूतड़ा, हंसराज संखलेचा आदि मौजूद रहे।
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आखातीज पर ग्रामीण क्षेत्रों में हुई रैयाणें

शिव क्षेत्र में शुक्रवार को आखातीज का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। ग्रामीणों ने एक दूसरे के घर पहुंच भोजन किया तथा शगुन बिचारे। आंगन में पांच अनाज से छोटे-छोटे खळा बना उन पर जलकलश स्थापित कर क्षेत्र में समृद्धि व वैभव की प्रार्थना की। छोटे बच्चों ने राजस्थानी वेशभूषा पहनकर गांवों की चौपाल में पहुंचे जहां बुजुर्गों ने छोटे हाळियों का समान किया। साथ ही सामूहिक भोजन किया। गांवों के दैवीय स्थलों पर हुई बैठकों में सामाजिक कुरीतियां दूर करने का निर्णय लिया गया।

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