जिसकी स्नान व पानी में आसक्ति होगी उसकी जलचर जीव में उत्पत्ति होगी। ऐसे ही जिसका पंखा, एसी व हवा में आसक्ति होगी तो वायुकाय जीव में उत्पत्ति होगी। इसलिए किसी के प्रति आसक्ति नहीं रखें। यदि आसक्ति रखनी ही है तो नवकार मंत्र के प्रति रखें। किसी भी जीव को उसके अंतिम समय में नवकार मंत्र का श्रवण करवाया जाय और उस समय परभव का आयुष्य बन्ध पड़ गया तो सदगति मिल सकती है। उन्होंने कहा कि हर श्रावक को दिन में कम से कम एक सामायिक अवश्य करनी चाहिए। कम से कम सामायिक के समय छ:काय जीवों को अभयदान मिलेगा। उनका साता मिलेगी उसका हमें पुण्य होगा।
चातुर्मास समिति के प्रचार प्रमुख सुरेशकुमार पारख ने बताया कि गणधर तप के तपस्वीयों का पांचवा बियासना सम्पन्न हुआ। तपस्वीयों व चातुर्मास में आने वाले मेहमानों का बहुमान किया गया। प्रवचन में उपस्थित जनसमुदाय ने कभी भी शिकार न करने का संकल्प किया। जीव रक्षा निमित आयम्बिल तप व उपवास एकासना बियासना आदि तप किए। सामूहिक नवकार मंत्र का जाप आदि कार्यक्रम हुए।
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पौधरोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
चौहटन . कस्बे में स्थित गौराणा माता मन्दिर परिसर में शुक्रवार को राजस्थान पत्रिका के हरयाळो राजस्थान अभियान के तहत पौधरोपण किया गया। यहां पीपा क्षत्रीय समाज चौहटन के अध्यक्ष आदाराम दर्जी के सान्निध्य में कई युवाओं ने पौधे लगाए। इस मौके पर दर्जी ने कहा कि पेड़-पौधों से शुद्ध वायु मिलती है। कार्यक्रम में भवानीसिंह, भवानी, सरूप, राजू, श्रवण, भावेश, चमन आदि मौजूद रहे। चौहटन में गोराणा माता मंदिर परिसर में पौधे लगाते पीपा क्षत्रिय दर्जी समाज के लोग।
चौहटन . कस्बे में स्थित गौराणा माता मन्दिर परिसर में शुक्रवार को राजस्थान पत्रिका के हरयाळो राजस्थान अभियान के तहत पौधरोपण किया गया। यहां पीपा क्षत्रीय समाज चौहटन के अध्यक्ष आदाराम दर्जी के सान्निध्य में कई युवाओं ने पौधे लगाए। इस मौके पर दर्जी ने कहा कि पेड़-पौधों से शुद्ध वायु मिलती है। कार्यक्रम में भवानीसिंह, भवानी, सरूप, राजू, श्रवण, भावेश, चमन आदि मौजूद रहे। चौहटन में गोराणा माता मंदिर परिसर में पौधे लगाते पीपा क्षत्रिय दर्जी समाज के लोग।