
बाड़मेर जिले के समदड़ी क्षेत्र के फूलण गांव की पहाडिय़ों में शुक्रवार रात को पैंथर देखा गया।
समदड़ी (बाड़मेर). सीमावर्ती जिले बाड़मेर में जंगली पशुओं के नाम पर खरगोश, लोमड़ी, हरिण आदि ही नजर आते हैं। यहां के लोगों को यह भी नहीं पता कि हिंसक जानवर कैसे होते हैं, उन्होंने इनको टीवी सीरियल और फोटो में ही देखा है, लेकिन शुक्रवार रात फूलण गांव में एक हिंसक जानवर देखा तो लोगों के होश उड़ गए। देखते ही देखते गांव में आग की तरह बात फैली तो लोगों की नींद उड़ गई। दरअसल यहां पैँथर दिखा, जिसने पूरे गांव ही नहीं क्षेत्र में भी दहशह फैला दी।
बाड़मेर जिले के समदड़ी क्षेत्र के फूलण गांव की पहाडिय़ों में शुक्रवार रात को पैंथर देखा गया। इससे ग्रामीणो में भय व्याप्त है। जानकारी के अनुसार फू लण गांव की पहाडिय़ों के पास कुएं पर रात्रि को फ सल निगरानी के दौरान किसानों ने पहाड़ी के पास पैंथर को विचरण करते देखा। किसानों ने इसकी सूचना सरपंच लादूराम विश्नोई को दी। सरपंच ने वनविभाग को अवगत करवाया। शनिवार को दिनभर ग्रामीणों में पैंथर आने की चर्चा चलती रही। ग्रामीणों के अनुसार पैंथर के पदचिह्न भी मौके पर मिले। सूचना पर मोकलसर चौकी से सहायक वनपाल मदनसिंह व निरीक्षक राहुल मीणा के नेतृत्व में टीम फूलण पहुंची। पद चिह्नों व ग्रामीणों के बताए अनुसार खोजबीन की, लेकिन पैंथर नजर नहीं आया।
पूर्व में भी नजर आया है पैँथर- पैँथर दिखने की थार में यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले जिले के चौहटन क्षेत्र में पैँथर ने दहशत फैलाई थी। आठ माह पहले की घ्ज्ञटना के चलते एक सप्ताह तक सैक्ड़ों गांवों के लोगों ने रात में पहरा देकर रातें गुजारी। इस दौरान दो-तीन जगह पैँथर के पैरों के चिह्न तो एक दो जगह शिकार के निशान भी पाए गए। वहीं बायतु बेल्ट में कुछ महा पहले एेसी ही घटना हुई। वन विभाग और पुलिस की टीम ने काफी मशक्कत की, लेकिन पैंथर पकड़ में नहीं आया।
भटक कर आते हैं क्षेत्र में- जिले की सीमा जालोर जिले के पहाड़ी क्षेत्रों से मिलती है। यहां जंगली जानवर बहुतायत में हैं। ये जानवर रास्ता भटकते हैं तो थार में आ जाजें हैं। इसके चलते कई बार पैंथर, भाल, चीता आदि यहां आए हैं।
Published on:
09 Dec 2017 10:09 pm
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