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सरपट दौड़ते नए वाहन, सड़कों की स्पीड लिमिट अब भी पुरानी

नए सिरे से सडक़ों पर रफ्तार की लिमिट तय करना जरूरत बन गया है। सालों पहले स्पीड तय की गई, जिसके बोर्ड भी अब कई जगह गायब है। वाहन चालक खुद शहर से निकलने वाली सडक़ों पर निर्धारित रफ्तार से अनभिज्ञ है।

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बाड़मेर में सिणधरी रोड पर शहरी क्षेत्र में हाइवे पर लगा वाहनों की स्पीड लिमिट का बोर्ड।

बाड़मेर में सिणधरी रोड पर शहरी क्षेत्र में हाइवे पर लगा वाहनों की स्पीड लिमिट का बोर्ड।

पिछले 30-40 साल में लूना से हाईस्पीड बाइक और एंबेसेडर से मर्सिडीज व रेंज रोवर तक पर सफर शुरू हो गया है। लेकिन शहर की सडक़ों पर तय रफ्तार में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। अभी तक करीब बीस साल पुरानी तय रफ्तार ही सडक़ों पर वाहनों के लिए लागू है। कौनसे मार्ग पर कितनी रफ्तार पर चलना है है, उसके बोर्ड भी अब कम ही नजर आते। वाहन चालकों को पता ही नहीं चलता कि शहर की प्रमुख सडक़ों पर रफ्तार की निर्धारित सीमा क्या है। ठीक दूसरी तरफ कई जगह सडक़ों पर सर्विस रोड, पुल तक उतर गए है। कहीं से भी वाहनों की एंट्री होती है। इन कारणों से शहर में भी एक्सीडेंट के मामले बढ़ रहे हैं। कुछ मार्ग तो ऐसे हो गए हैं, जहां पर हमेशा खतरा बना हुआ है।
आजकल के वाहनों की रफ्तार बढ़ी हुई है। एक्सीलेटर पर पैर रखते ही वाहन तेज रफ्तार में दौडऩे लगते हैं। सडक़ों पर बने कट से कहीं न कहीं कार डिवाइडर पर चढ़ी दिखती है, कई बार तो सडक़ों पर कारें पलट भी चुकी हैं। ऐसे में अब नए सिरे से सडक़ों पर रफ्तार की लिमिट तय करना जरूरत बन गया है। सालों पहले स्पीड तय की गई, जिसके बोर्ड भी अब कई जगह गायब है। वाहन चालक खुद शहर से निकलने वाली सडक़ों पर निर्धारित रफ्तार से अनभिज्ञ है।
रफ्तार पर नहीं लगाम के उपाय
शहर की सडक़ों पर रफ्तार को लेकर कोई लगाम नजर नहीं आती है। मनमर्जी से चालक वाहनों को दौड़ाते है। बाड़मेर में प्रमुख सडक़ों पर कैमरे तो लगे है, लेकिन इनका उपयोग अभी स्पीड डिटेक्शन को लेकर नहीं हो रहा है। ऐसे में रफ्तार के चालान अभी बाड़मेर में दूर की कौड़ी है। अभी तो शहर में चल रहे तेज रफ्तार वाहनों को लेकर भी चालान नहीं के बराबर ही है।
शहर से जुड़े प्रमुख रास्ते और हाइवे
शहर की सडक़ें हाइवे से जुड़ी हुई है। राष्ट्रीय राजमार्ग शहरी क्षेत्र से होकर गुजर रहे हैं। यहां पर स्पीड में चलने वाले वाहनों के कारण हादसे का डर बना रहता है। बाड़मेर-अहमदाबाद मार्ग पर शहरी क्षेत्र कुशल वाटिका के पास हाइवे पर कई बड़े हादसे हो चुके हैं। वहीं जैसलमेर रोड पर पुल के कट पर हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। यहां पर हाइवे से वाहन सर्विस रोड पर उतरते है और दूसरी तरफ चढ़ते भी है।
नया कोई नियम हमारे पास नहीं आया
शहरी क्षेत्र की सडक़ों पर वाहनों के लिए की तय रफ्तार पुरानी ही है। नया कोई नियम हमारे पास नहीं आया है। आबादी क्षेत्र में चालक को निर्धारित रफ्तार मेें ही वाहन चलाना चाहिए।

दुर्गाराम, यातायात प्रभारी बाड़मेर

बाड़मेर: पिछले 5 साल में दुर्घटनाएं
साल हादसे मौतें

2018 524 333

2019 538 346

2020 516 315

2021 635 389

2022 633 413


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