जिले के दूसरे बड़े शहर बालोतरा में सीवरेज के अधूरे कार्य को लेकर हर दिन हजारों परिवारों को दूषित पानी व दुर्गंध को लेकर दिक्कत उठानी पड़ती है। नालियां सही लेवल की नहीं होने, इनकी नियमित सफाई नहीं करने, पुरानी नालियों के क्षतिग्रस्त होने आदि कारणों को लेकर घरों से निस्तारित दूषित पानी के सड़कों पर फैलने पर आवागमन को लेकर दिक्कत रहती है। सड़कों पर जमा गंदगी व इससे फैलने वाली दुर्गंध पर आसपास के परिवारों के लोग स्वच्छ सांस नहीं ले पाते हैं। मौसमी बीमारियां फैलने का डर सताता है।
पहले चरण कार्य में 60 फीसदी आबादी लाभान्वित-प्रदेश सरकार ने अरबन इन्फ्राइस्ट्रेक्चर डवलपमेंट प्रोगाम स्माल एण्ड मिडियम टाउन योजना में करीब वर्ष पूर्व शहर बालोतरा में सीवरेज प्रथम चरण का कार्य स्वीकृत किया था। इसके लिए 53 करोड़ का बजट स्वीकृत किया। इस पर शहर के पुराने भाग व रेल लाइन के दूसरे बसे कुछ भाग में 52 किलोमीटर सीवरेज लाइन बिछाई गई। वहीं जेरला गांव में 9 एमएलडी क्षमता का एचटीपी प्लांट बनाया गया। इससे 7 हजार परिवारों के सीवरेज कनेक्शन जोड़े गए। करीब तीन वर्ष से सीवरेज का संचालन किया जा रहा है। इससे दूषित पानी व गदंगी के सही हो रहे निस्तारण व स्वच्छ शहर पर आमजन राहत की सांस ले रहा है।
पहले चरण कार्य में 60 फीसदी आबादी लाभान्वित-प्रदेश सरकार ने अरबन इन्फ्राइस्ट्रेक्चर डवलपमेंट प्रोगाम स्माल एण्ड मिडियम टाउन योजना में करीब वर्ष पूर्व शहर बालोतरा में सीवरेज प्रथम चरण का कार्य स्वीकृत किया था। इसके लिए 53 करोड़ का बजट स्वीकृत किया। इस पर शहर के पुराने भाग व रेल लाइन के दूसरे बसे कुछ भाग में 52 किलोमीटर सीवरेज लाइन बिछाई गई। वहीं जेरला गांव में 9 एमएलडी क्षमता का एचटीपी प्लांट बनाया गया। इससे 7 हजार परिवारों के सीवरेज कनेक्शन जोड़े गए। करीब तीन वर्ष से सीवरेज का संचालन किया जा रहा है। इससे दूषित पानी व गदंगी के सही हो रहे निस्तारण व स्वच्छ शहर पर आमजन राहत की सांस ले रहा है।
दूसरे चरण की योजना तैयार, लेकिन स्वीकृत नहीं- शहर के शेष रहे भाग में सीवरेज निर्माण को लेकर प्रदेश सरकार के राजस्थान अरबन इन्फ्राइस्ट्रेक्चर डवलपमेंट प्रोगाम योजना में प्रस्ताव मांगने पर नगर परिषद ने कार्य योजना तैयार की। इसमें 200 किलोमीटर दूरी में सीवरेज लाइन बिछाने, जेरला में 4 व लूनी नदी के किनारे 3.5 एमएलडी क्षमता का एचटीपी प्लांट बनाने आदि के प्रस्ताव की योजना तैयार की। 300 करोड़ 54 लाख रुपए की योजना करीब 5 माह पूर्व सरकार को भिजवाई। योजना के 12वें कलस्टर में शामिल बाड़मेर, जैसलमेर, बालोतरा शामिल है, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकृत नहीं किया है।
सीवरेज के अभाव में यह दिक्कत-
सीवरेज के अभाव में यह दिक्कत-
रेल लाइन के दूसरी ओर बसे शहर के नए भाग में अधिकांश जगह सीवरेज लाइन नहीं है। घरों से निस्तारित दूषित पानी को लेकर अच्छी स्थिति नहीं है। कई कच्चे वार्डों में तो नालियां तक नहीं बनी हुई है। इस पर सड़कों पर दूषित पानी के फैलाव व गदंगी के जमाव पर हर दिन हजारों परिवार परेशानी उठाते हैं। सीवरेज दूसरे चरण का कार्य स्वीकृत होता है, तब 9200 सीवरेज कनेक्शन होंगे। इस पर इतने परिवार व आमजन को अच्छी सुविधा मिलेगी।
सीवरेज सुविधा का अभाव, हो रही परेशानी – शहर में वर्षों से रह रहे हैं, लेकिन सीवरेज सुविधा से वंचित है। इस पर सड़कों पर फैले दूषित पानी, जमा गंदगी को लेकर हर दिन परेशानी उठाते हैं। कई बार तो घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। सरकार जनहित में शीघ्र कार्य स्वीकृत करें। – जैसाराम मेघवाल
दूषित पानी की निकासी में दिक्कत- नगर के पुराने भाग में सीवरेज कार्य कर शेष में नहीं करना रहवासियों के साथ अन्याय है। यहां पहले से ही दूषित पानी निकासी की व्यवस्था सही नहीं है। नालियां टूटी हुई है। दुर्गंध को लेकर हर दिन परेशानी उठाते हैं। – संतोष सैन
दूषित पानी की निकासी में दिक्कत- नगर के पुराने भाग में सीवरेज कार्य कर शेष में नहीं करना रहवासियों के साथ अन्याय है। यहां पहले से ही दूषित पानी निकासी की व्यवस्था सही नहीं है। नालियां टूटी हुई है। दुर्गंध को लेकर हर दिन परेशानी उठाते हैं। – संतोष सैन