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क़वि सम्मेलन संस्कार जगाने का माध्यम- गर्ग

काव्य गोष्ठी

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क़वि सम्मेलन संस्कार जगाने का माध्यम- गर्ग

क़वि सम्मेलन संस्कार जगाने का माध्यम- गर्ग

बाड़मेर. स्थानीय पेंशनर समाज भवन गांधीचौक में राष्ट्रीय कवि संगम संस्थान बाड़मेर के तत्वावधान में काव्य गोष्ठी मुख्य अतिथि प्रदेशाध्यक्ष जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग के सानिध्य में हुई।

संस्था के जिलाध्यक्ष गौतम संखलेचा चमन ने बताया कि मुख्य अतिथि जोगेश्वर गर्ग का शिक्षाविद, साहित्यकार डॉ. बंशीधर तातेड़ ने साफा पहना, नारायणदास राठी ने प्रतीक चिन्ह भेंट कर व अन्य साहित्यकारों ने माला पहना अभिनन्दन किया।

गौतम चमन ने स्वागत भाषण देते हुए संस्था के कार्यों की विवेचना की। काव्य गोष्ठी का आगाज कवि स्वरूप पंवार ने मैं मरूधर का रहने वाला हूं, मरूधर के गीत गाता हूं से किया। कैलाश कोटडिय़ा कवियों पर रचना पेश की। दीपसिंह रणधा ने डींगल में कोरोना रो एक किटाणू चटकर गयों सब को सुनाई। संस्था के सचिव कमल शर्मा राही ने मैं नया साल हूं, तू पायल खनखाती आ जाना, ओम जोशी ने आया नया साल, गौतम संखलेचा चमन ने नव वर्ष को संभाल कर चल, वरिष्ठ कवि डॉ. बंशीधर तातेड़ ने मतलब की बारिशों का दौर है की प्रस्तुति दी। नारायणदास राठी ने कवियों का कतार पर विचार व्यक्त किए। ओमप्रकाश चाण्डक ने कवियों का सन्देश देश को जगा के रखता है इस बात रखी।

कवि रमेश मिर्धा ने राजस्थानी में काव्य रचना पेश की। जोगेश्वर गर्ग ने कई रचनाएं पेश करते हुए कवियों को मंच पर फुहड़ जुमले बाजी से परहेज करने की हिदायत दी। गर्ग ने कहा कि स्तरीय कविताओं को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। कवि सम्मेलन संस्कार जगाने का माध्यम होता है।

शंकर मोदी, गीता, प्रभुलाल सोनी, मोहनलाल सोनी ने भी अपनी बात रखी। कार्यक्रम अध्यक्ष नारायणदास राठी ने कवियों को प्रतीक चिन्ह भेंट किए। संस्था संरक्षक डॉ. बंशीधर तातेड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया।


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