scriptनजर न लगे इस 9 डिग्री को, 18 अरब का है ये सपना | This 9th degree is not seen, 18 billion is this dream | Patrika News

नजर न लगे इस 9 डिग्री को, 18 अरब का है ये सपना

locationबाड़मेरPublished: Dec 19, 2018 12:40:59 am

Submitted by:

Dilip dave

-इस बार 12.5 हजार हैक्टेयर में बुवाई-लगातार बढ़ता जा रहा है जीरा का रकबा और उत्पादन

नजर न लगे इस 9 डिग्री को, 18 अरब का है ये सपना

नजर न लगे इस 9 डिग्री को, 18 अरब का है ये सपना

बाड़मेर. ये जो पिछले हफ्ते से तापमान नौ डिग्री पर आया है इसको कई दिन नजर न लगे। 12 लाख 50 हजार हैक्टेयर में बोया गया जीरा इसी तापमान में पकेगा और मौसम अनुकूल रहा तो इस बार 16 की बजाय 18 अरब किसान की जेब में होंगे। जीरा, ईसब और रायड़ा के किसान को इन दिनों बेचैनी कर्जमाफी की नहीं है उनको खुशी इस 9 डिग्री तापमान की है जो उनके घर खुशियां चहकाने के सपने पाल रही है।
दस साल में सात गुना बढ़ा उत्पादन

थार के किसानों को भी जीरे की फसल करोड़पति बना रही है। इस बार करीब 12.5 हजार हैक्टेयर में जीरे की बुवाई हुई है। इसमें करीब 18 अरब रुपए का जीरा उत्पादन होने की उम्मीद है। पिछले दस सालों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो जीरे का उत्पादन सात गुना से अधिक हो गया है। इस बार यह आंकड़ा और भी बढ़ जाएगा।
जिले में वर्ष वार जीरा उत्पादन
2006-07 7966
2007-08 27118

2008-09 28712
2009-10 34211

2010-11 35057
2011-12 79349

2012-13 61695
2013-14 66837

2014-15 36729
2015-16 56380

2016-17 57464
(उत्पादन: मीट्रिक टन)

जीरा रिकार्ड तोड़ेगा
थार में इस बार आई सर्दी ने किसानों की उम्मीद जगा दी है। जीरा, ईसब और रायड़े की फसल को लेकर आशान्वित किसानों के लिए 6 से 9 डिग्री के बीच में तापमान कई दिन तक रहा तो जीरे की उपज बम्पर होगी और किसानों को इसका लाभ होगा।- डा. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक
ये मुद्दे भी है जरूरी

कब बनेगी जीरा मंडी
बाड़मेर की जीरा मंडी को व्यापारियों को भी बेसब्री से इंतजार है। यहां पर जीरा मंडी के लिए पूरी कार्रवाई होने के बाद अब अधरझूल में है। यहां भूखंड ले चुके व्यापारियों को भी नहीं पता कि जीरा मंडी कब शुरू होगी।
पैदावार बाड़मेर में, बिक्री ऊंझा में
बाड़मेर का जीरा अभी बेचने के लिए गुजरात की ऊंझा मंडी ले जाया जाता है। नजदीकी होने के कारण यहां का जीरा व्यापारी ऊंझा में बेचते हैं। स्थानीय स्तर पर मंडी हो तो व्यापारियों को जीरा ले जाने की समस्या से मुक्ति मिलेगी, साथ ही ले जाने का खर्व बच जाएगा।
चोरी का सताता है भय
बाड़मेर से व्यापारी जीरे को ऊंजा ले जाने के दौरान भरे ट्रकों के चोरी होने की आशंका से भयभीत रहते हैं। वहीं कई बार लौटते समय व्यापारियों के साथ लूट की घटनाएं भी हो चुकी है। वहीं कई बार जीरे से भरे ट्रक भी गायब हुए थे। ऐसे में स्थानीय स्तर पर मंडी शुरू हो जाए तो व्यापारियों की परेशानियां खत्म हो जाएगी।
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