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जातिवाद की बेडि़यां तोड़ने का संदेश देता है सीमावर्ती यह देवी मंदिर

- चारण समाज की कुलदेवी का पुजारी है मेघवाल, सभी जाति के लोग एक साथ लेते प्रसादी

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करणी माता मंदिर करणी कोट



रामसर. बाड़मेर जिले के रासमर उपखण्ड के मेकन का पार ग्राम पंचायत में सोबदार बस्ती के मेघवालों की बस्ती में स्थित करणी माता मंदिर करणी कोट के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर हिन्दू धर्म की आस्था का बहुत बड़ा केंद्र है। इस मंदिर के वार्षिकोत्सव पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का आना होता है। जिसमें कार्यक्रम में विशेष रूप से बोर्डर के गांवों और कस्बों के लोगो का आना जाना रहता है। साथ ही विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों का मुख्य केंद्र रहता है। इस मंदिर का पुजारी चारण जाति का न होकर मेघवाल जाति का है। इस मंदिर पर हिन्दू धर्म की सभी जातियों के लोग आते हैं । सब मिल बैठकर भोजन प्रसाद ग्रहण करतें है।

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किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता है। सब जाति वर्ग के द्वारा सहयोग भी दिया जाता है। जिसमें चारण जाति का विशेष सहयोग रहता है। साथ ही सीमा क्षेत्र का सबसे बड़ा हिन्दू केन्द्र है। इस मंदिर में आठ अक्टूबर को एक जागरण में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कलाकारो की ओर से प्रस्तुति दी जाएगी। इस मंदिर के रात्रि जागरण कार्यक्रम में कलाकार अपनी स्वेच्छा से निशुल्क प्रस्तुतियां देते हैं।

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इसलिए मंदिर सीमा जन कल्याण समिति के द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है। एवं व्यवस्थाओं को सभी श्रद्धालुओं ने अपने अपने जिम्मे दे दी गई है। गौरतलब है कि थार में जहां अभी भी जाति बंधन के चलते भेदभाव की खबरें यदाकदा आती है, वहां अजा, अजजा के लोगों को मंदिर में प्रवेश भी देने में हिचकिचाहट होती है वहां मेघवाल समाज के व्यक्ति के हाथ देवी की पूजा होती है।- रिपोर्ट बाबूसिंह भाटी