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थानेदार ने छह लाख मांगे, भनक लगने पर मुकरा, एफआईआर दर्ज

बालोतरा थाने का मामला- एसीबी की नाकामी- सत्यापन के दौरान पच्चीस हजार रुपए अग्रिम लेने में शामिल कांस्टेबल भी आरोपी

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सत्यापन के दौरान पच्चीस हजार रुपए अग्रिम लेने में शामिल कांस्टेबल भी आरोपी

सत्यापन के दौरान पच्चीस हजार रुपए अग्रिम लेने में शामिल कांस्टेबल भी आरोपी

थानेदार ने छह लाख मांगे, भनक लगने पर मुकरा, एफआईआर दर्ज

बाड़मेर जिले के बालोतरा थाने के उप निरीक्षकयानि थानेदार ने धोखाधड़ी के मामले में कार्रवाई के लिए दस प्रतिशत के हिसाब सेछह लाख रुपए रिश्वत में मांगे। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत के बादसत्यापन के दौरान पच्चीस हजार रुपए ले लिए। फिर 1.75 लाख रुपए लेनेसे पहले थानेदार को भनक लग गई और राशि नहीं लेने पर वह एसीबीके हत्थे नहीं चढ़ पाया। प्रारंभिक जांच के बाद एसीबी ने थानेदारजगदीश सिहाग व पच्चीस हजार रुपए लेने में शामिल रहे कांस्टेबलरामाराम उर्फ रामसा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।यह है मामलाबालोतरा के व्यवसायी जितेन्द्र राठी ने साठ लाख रुपए की धोखााधड़ी के संबंध में पुलिस स्टेशन बालोतरा में चित्तौडग़ढ़ की फर्म आदित्य सीमेंट के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। जांच उप निरीक्षकजगदीश सिहाग को सौंपी गई। इस दौरान थानेदार ने साठ लाख रुपएबरामद कराने के बदले दस प्रतिशत के हिसाब से छह लाख रुपए मांगे।इसकी शिकायत गत जून में व्यवसायी ने एसीबी की जोधपुर चौकी मेंकी थी।सत्यापन में ले लिए 25 हजार, फिर लगी भनकव्यवसायी जितेन्द्र ने बताया कि शिकायत के बाद एसीबी ने 25 जून कोसत्यापन कराने के लिए उसे बालोतरा थाने भेजा था। उसके पासरिकॉर्डर था। थाने में बातचीत के बाद थानेदार पांच लाख रुपए परसहमत हो गया। उसने दो लाख रुपए अग्रिम मांगे थे। जिस पर परिवादीतैयार हो गया। उसने तत्काल पच्चीस हजार रुपए थानेदार को देने केलिए बाहर निकाले। तब थानेदार ने कांस्टेबल रामाराम को आवाजलगाकर बुलाया और पच्चीस हजार रुपए उसे दिलवा दिए। अग्रिम के शेष1.75 लाख रुपए देने के लिए व्यवसायी दूसरे दिन फिर थाने पहुंचा,जहां थानेदार कमरे में कुर्सी पर बैठा था, लेकिन तब तक भनक लगचुकी थी। परिवादी को देख थानेदार कुर्सी से उठकर बाहर आ गयाऔर रुपए लेने से मना कर दिया। उसने कहा कि उसके मामले की वहजांच कर रहा है। इतना कहकर वह मोटरसाइकिल लेकर थाने से चलागया था।रिश्वत मांगने व अग्रिम लेने की पुष्टि
सत्यापन के दौरान चूंकि व्यवसायी के पास रिकॉर्डर था और उसनेपच्चीस हजार रुपए अग्रिम भी दिए थे। यह सब रिकॉर्डर में है। इसलिएथानेदार के खिलाफ रिश्वत की मांग करने और अग्रिम रिश्वत लेने कीपुष्टि हो चुकी है। उसका साथ देने वाले कांस्टेबल पर भी गाज गिरनातय है।..................दर्ज की है एफआईआरप्रकरण की जांच के दौरान रिश्वत मांगने के मामले में उप निरीक्षकपकड़ में नहीं आ पाया था। अब थानेदार व सिपाही के खिलाफएफआईआर दर्ज की गई है। जांच के लिए बाड़मेर एसीबी केउप अधीक्षक को भेजी जाएगी।अजयपाल लांबा, पुलिस अधीक्षक, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जोधपुर