
विलाप करते परिजन और इनसेट में रमेश कुमार मेघवाल की फाइल फोटो: पत्रिका
Balotra Youth’s Body Returns From Saudi: आर्थिक तंगी से जूझते परिवार के लिए सहारा बनने सऊदी अरब गया 19 वर्षीय रमेश कुमार मेघवाल अब केवल यादों में सिमट कर रह गया है। 36 दिनों के लंबे इंतजार के बाद गुरुवार दोपहर उसकी पार्थिव देह जयपुर पहुंची, जहां से उसे बालोतरा के लिए रवाना किया गया। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उधर, मेघवालों की ढाणी सहित पूरे गांव में शोक का माहौल है। झोपड़े के बाहर बैठी महिलाओं की सिसकियां और बेटे की राह तकती मां तीजो देवी की पथराई आंखें हर किसी को भीतर तक झकझोर रही हैं।
मृतक के चाचा गजाराम ने बताया कि रमेश का बड़ा भाई गेनाराम पहले से ही वहां मजदूरी करता है, जबकि छोटा भाई उदाराम घर पर माता-पिता की देखभाल करता है। परिवार पर बहन गुड्डी की शादी का कर्ज भी अभी बाकी है।
मां तीजो देवी ने बताया कि मौत से तीन दिन पहले बेटे से बात हुई थी। उसने भरोसा दिलाया था कि डेढ़ साल में अच्छे पैसे कमाकर बहन की शादी का कर्ज चुका देगा और फिर अपनी व छोटे भाई की शादी करेगा। बेटे की इन्हीं बातों को याद कर मां का विलाप थमने का नाम नहीं ले रहा है।
रमेश की संदिग्ध परिस्थितियों में सऊदी अरब में मौत के बाद परिजन को शव लाने के लिए 36 दिन तक इंतजार करना पड़ा। जैसे ही पार्थिव देह गांव की ओर रवाना हुई, अंतिम दर्शन की बेचैनी पूरे गांव में दिखी। मेघवालों की बस्ती के करीब 300 घरों में शोक की लहर है, वहीं रमेश के दादा के परिवार के लगभग 10 घरों में सुबह से चूल्हे नहीं जले।
Updated on:
19 Dec 2025 11:31 am
Published on:
19 Dec 2025 08:23 am
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