
मौसम का फेर, सांगरी ना केर
बाड़मेर/ पादरू. मौसम के फेर में इस बार केर और सांगरी का उत्पादन कम हुआ है। अमूमन हर साल चार-पांच करोड़ के केर, सांगरी थार में बिकते हैं, लेकिन इस बार ना तो ठेलों पर सांगरी नजर आई ना ही केर की ढेरियां। इसके पीछे कारण मौसम परिवर्तन को माना जा रहा है। देरी से बारिश और उसके बाद बार-बार मौसम बदलने से सांगरी की फूल आए नहीं और गंठुड लग गए जिससे सांगरी खेजड़ी पर कम लगी। वहीं केर पर भी इस बार फूल (बाटा ) कम नजर आया। ग्रामीण क्षेत्रों में जैसे ही रबी की फसलें लेते हैं तो किसान केर, सांगरी सहेजना शुरू कर देते हैं। बाजार में बेहद मांग और आमजन की पसंद होने से ग्रामीण लोगों को इससे अतिरिक्त आय होती है।
शहर में फरवरी से अप्रेल के बीच में गली-गली में ग्रामीण केर, सांगरी लेकर घूमते नजर आते हैं, लेकिन इस बार एेसा नहीं हुआ। क्योंकि खेजड़ी पर सांगरी कम नजर आई तो केर न के बराबर। इसके पीछे कृषि विशेषज्ञ मौसम परिवर्तन को मुख्य कारण मानते हैं, उनके अनुसार जून-जुलाई में कम बारिश होने से केर, सांगरी पर इसका प्रभाव पड़ा। वहीं, मौसम में बार-बार परिर्वतन कभी तेज आंधी तो कभी बूंदाबांदी से वातावरण प्रभावित रहा जिस पर केर, सांगरी का कम उत्पादन हुआ।
कमाई अच्छी पर उपज नहीं- सांगरी बीनने वाले ग्रामीणों के अनुसार दिनभर की कड़ी मेहनत के बाद वे कच्ची सांगरी चुनकर बाजार में ले आते हैं। जिसका भाव सौ-डेढ़ सौ रुपए मिलता है। मांग भी ज्यादा है लेकिन उपज कम होने से पर्याप्त मात्रा में सांगरी नहीं मिल रही। एेसे में कमाई कम हो रही है। प्रवासी राजस्थानियों की भी पसंद- केर, सांगरी, कुमटिया, काचरी आदि पचकुटा की सब्जी अब शादियों में स्टेटस बन गई है। वहीं अप्रवासी राजस्थानी तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, पश्चिमी बंगाल सहित कई राज्यों में ऑर्डर देकर मंगवाते हैं। वहां पर इनकी जबरदस्त मांग है। सांगरी कम मात्रा में लगी- अबकी बार खेजड़ी पर गंठुड ज्यादा लगे, सांगरी कम मात्रा में है। हालांकि सांगरी व केर की मांग ज्यादा रहती है, लेकिन कम उत्पादन से थोड़ी चिंता है।- हरीराम, किसान पादरू
मौसम का असर- मौसम का असर केर, सांगरी के उत्पादन पर पड़ा है। फूल की जगह गंठूड लगने से सांगरी का उत्पादन कम हुआ। केर पर भी इस बार फूल कम लगे तो आंधी के चलते झडऩे से भी केर कम उत्पादित हुए।- डॉ. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक केवीके गुड़ामालानी
Published on:
26 Apr 2021 12:20 am
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