
Whose faith will get water
महेन्द्र त्रिवेदी
बाड़मेर शहर के कई इलाकों में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। जिम्मेदार विभाग का दावा है कि पेयजल आपूर्ति सही है। फिर पानी जा कहां रहा है। क्या विभाग के अधिकारी पानी की सप्लाई के समय किसी मोहल्ले में पहुंच जांच करते हैं कि वहां पानी आ रहा है या नहीं। या फिर केवल लाइनमैन के भरोसे ही शहर की जलापूर्ति है।
वह सप्लाई शुरू कर देता है तो ठीक, नहीं तो बैठे रहो बिना पानी के। शहर में पानी की समस्या नई नहीं है, सालों से ऐसे ही हाल है।
पानी की गंभीर समस्या झेलने वाले बाड़मेर शहर के कई क्षेत्र ऐसे हैं कि वहां 15 दिन से पानी नहीं पहुंच रहा। विभाग कहता है कि ये लाइनों के क्षतिग्रस्त होने से हो रहा है, तो लाइनों को ठीक करने की जिम्मेदारी किसकी है, समय पर ठीक क्यूं नहीं किया जा रहा है। लोगों को पानी चाहिए। क्या जितने दिन पानी क्षेत्र में नहीं दिया है विभाग उनको बिल में रियायत देता है, शायद ऐसे कभी नहीं हुआ हो। आगे भी नहीं होगा। हां यह जरूर होता है कि उपभोक्ताओं ने बिल समय पर जमा नहीं करवाया है तो उनको कनेक्शन काटने की चेतावनी मिल जाती है।
कई क्षेत्रों में तो विभाग सालों से पानी के दबाव की समस्या भी नहीं सुलझा सका। जब कोई समस्या लेकर पहुंचता है तो उन्हें भी जवाब ठीक से नहीं मिलता है। उपभोक्ता क्या यहां तो जिले के मुखिया (कलक्टर) को भी जवाब ठीक से नहीं दिया जाता है। इसकी बानगी पिछले दिनों मुख्यालय पर जिला स्तरीय जनसुनवाई में दिखी।
एक उपभोक्ता कलक्टर को शिकायत करता है कि उसके मोहल्ले में पानी की आपूर्ति कम दबाव से होती है, इसमें सुधार किया जाए। जब कलक्टर ने विभाग के अधिकारी से पूछा कि पानी का दबाव ठीक से क्यूं नहीं आ रहा है, तो अधिकारी बोले की योजना बना दी है और अप्रूवल के लिए जयपुर भेजी है, इसके बाद ही पानी का दबाव सही होगा।
अब उपभोक्ता को तो तत्काल पानी की जरूरत है, कब योजना को स्वीकृति मिलेगी और कब शुरू होगी और कब पानी का दबाव सुधरेगा, अगर ये सवाल भी विभाग से पूछे जाए तो शायद जवाब फिर वैसा ही होगा, कि अभी तो भेजी है, स्वीकृति आएगी तब काम शुरू करेंगे।
वैसे भी बाड़मेर के जलदाय विभाग की बानगी अलग ही है। यहां पहले बिना किसी कारण 5-6 दिन पानी की आपूर्ति नहीं होती है। फिर किसी काम का हवाला देकर दो दिन पानी नहीं आने की सूचना दी जाती है। पहले से ही आहत उपभोक्ताओं और दुखी हो जाता है।
अब 10 दिन तक उपभोक्ता पानी के लिए कहां जाएगा, इससे विभाग को कोई सरोकार नहीं है। पूछने पर यही जवाब मिलता है हमने तो सूचना दे दी थी। अब सूचना से उपभोक्ता को पानी थोड़े ही मिलेगा, पानी की जगह तो पानी ही चाहिए।
क्या जनता को टैंकर वालों के भरोसे छोड़ दिया है? पैसे दो और मंगवा लो पानी के टैंकर। कारण चाहे जो भी हो, पीने का पानी जरूरी है। इसके बिना सब कुछ अधूरा है। जिम्मेदार अपनी जिम्मेदार समझें। अगर उपभोक्ताओं से राशि ले रहे हैं तो उस मुताबिक पानी भी मिलना चाहिए।
Published on:
21 Sept 2017 07:23 pm
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