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एक चिता पर पति पत्नी का क्यों हुआ अंतिम संस्कार

- मां-बाप व बेटी तीनों एक साथ दुनियां से विदा

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Why husband and wife cremated on a funeral pyre

Why husband and wife cremated on a funeral pyre


बालोतरा पत्रिका.
परिवार के तीन सदस्यों को एक साथ खोने वो चिरडिया के परिवार के लिए बुधवार की सुबह दु:खों का पहाड़ बनी हुई थी जब परिवार के तीनों सदस्यों ने घर से अंतिम विदाई ली। बेटी का ससुराल भीनमाल में अंतिम संस्कार हुआ तो माता-पिता का चिरडिया गांव में। दुघज़्टना में चौथे मृतक कंपाऊंडर की चिता उनके गांव अजीत से उठी तो गांव के लोगों की आंखे नम थी।
जोधपुर क्षेत्र में मंगलवार को हुई सड़क दुघज़्टना में चार लोगों की मृत्यु हो गई। समदड़ी के पास चिरडिया गांव के एक ही परिवार के तीन सदस्य थे। पीहर आई बेटी का उपचार करवाने मां-बाप उसे जोधपुर ले जा रहे थे और मेडिकल सहायता के लिए अजीत के कंपाऊंडर शंकरालाल साथ थे। बीच रास्ते हुई दुघज़्टना में चारों की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
कोरोना जांच बाद सुपुदज़् किए
मृतकों के शव जोधपुर मोचज़्री ले जाए गए। कोरोना जांच के बाद मंगलवार रात 8:30 बजे परिजनों को शव सुपुदज़् किए गए। परिजन मंगलवार रात को चिरडिया में मां-बाप के शव पहुंचे तो परिवार में कोहराम मच गया और बेटी का शव उसके ससुराल भीनमाल ले जाया गया।
संग-संग यात्रा तो फूटी रूलाई
श्यामलाल और सीतादेवी (दंपती) की अथीज़् घर से एक साथ बुधवार सुबह को उठी तो चित्कार व क्रंदन से माहौैल गमगीन हो गया। परिजनों व ग्रामीणों की आंखों में आंसू छलक रहे थे। सावज़्जनिक श्मशानघाट पर इकलौते पुत्र विरेन्द्र ने मुखाग्रि दी। बेटी का अंतिम संस्कार भीनमाल में उसके ससुराल में हुआ। इधर अजीत के कपाऊंडर शंकरलाल का अंतिम संस्कार अजीत गांव में हुआ। इकलौते पुत्र डॉ महेंद्र चौधरी ने मुखाग्नि दी।


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