
75 percent bus operations may stop in MP in two days
एमपी में हजारों बसें बंद हो गई हैं। हाईकोर्ट द्वारा 1 जनवरी से टीपी यानी अस्थाई परमिट परमिट जारी करने पर रोक लगा दी है। इससे प्रदेश की करीब 4 हजार बसें प्रभावित हुईं। टीपी जारी नहीं होने से बड़वानी जिले के परिवहन विभाग से टीपी पर चलने वाली 35 से 40 बसें और इंदौर संभाग कार्यालय से टीपी पर जारी 125 से अधिक बसों पर प्रभाव पड़ेगा। बस एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार करीब 75 प्रतिशत बसें टीपी पर ही चल रहीं थीं। अस्थाई परमिट जारी नहीं होने से इन बसों के चक्के थम सकते हैं जिससे यात्रियों की फजीहत हो सकती है। हालांकि फिलहाल जिले में इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है, लेकिन आगामी 2-3 दिनों में टीपी परमिट की बसों का संचालन थम सकता है।
जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन बसों के अस्थायी परमिट की व्यवस्था खत्म हो गई है। कोर्ट के आदेश की कॉपी के साथ संभाग कार्यालय से बड़वानी परिवहन विभाग कार्यालय में निर्देश जारी हो चुके हैं।
जानकारी के अनुसार बड़वानी जिले में संचालित डेढ़ सौ से 200 बसों में से 125 से अधिक ऐसी बसें है, जो टीपी परमिट पर संचालित होती हैं। जिला निजी बस एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष महेश बर्मन के अनुसार वर्ष 2019 से स्थाई परमिट के लिए आवेदन लगा रहे है, लेकिन वे जारी नहीं होते। ऐसे में टीपी परमिट पर ही बसों का संचालन होता रहा है। यह परमिट एक से अधिकतम चार माह की अवधि का होता है।
बड़वानी आरटीओ रीना किराड़े के अनुसार हाईकोर्ट के आदेश के साथ विभाग के निर्देश मिले हैं। इसमें टीपी परमिट जारी नहीं करने के निर्देश है। वैसे टीपी 87 (1) ए, बी तथा सी परमिट है। इसमें 87 (1) सी परमिट कार्यालय से ही जारी होता है। जबकि 87 (1) ए एवं बी परमिट ऑनलाइन सिटीजन पोर्टल से लिया जा सकता है। टीपी परमिट की बड़वानी जिले में 35 से 40 बसें थीं।
75 प्रतिशत बसें टीपी पर संचालित
निजी बस एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश बर्मन ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद बड़वानी जिले में टीपी परमिट की 125 से अधिक बस प्रभावित होगी। केवल 25 प्रतिशत बसें ही स्थाई परमिट की है यानि 75 प्रतिशत बसें टीपी परमिट की हैं जिनका संचालन प्रभावित हो सकता है। इसको लेकर प्रदेश स्तरीय संगठन की भी चर्चा चल रही है। 2-4 दिन में इसका कोई हल निकलने की उम्मीद है।
बारात, टूर के लिए ऑनलाइन आवेदन
जानकारी के अनुसार जिले में संचालित बसों का परमिट जिला परिवहन विभाग जारी करता है, तो एक से दूसरे जिले में संचालित बसों का परमिट संभागीग परिवहन विभाग जारी करता है। वहीं बारात, धार्मिक यात्रा आदि के लिए सिटीजन पोर्टल से ऑनलाइन शुल्क जमा कर परमिट लिया जा सकता है।
बता दें कि टेंपररी परमिट यानी अस्थाई पंजीकरण संख्या, वाहन के नए होने और अभी तक स्थाई रूप से पंजीकृत न होने के लिए दी जाती है। यह संख्या आम तौर पर एक महीने से लेकर चार माह तक वैध होती है। इस दौरान, संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) प्राधिकरण में वाहन को पंजीकृत कराना होता था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस पर रोक लगाई गई है।
Updated on:
04 Jan 2025 04:45 pm
Published on:
04 Jan 2025 04:27 pm
बड़ी खबरें
View Allबड़वानी
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
