लकड़बग्घे का था शक
वन विभाग के अफसरों के मुताबिक हमलों के बाद मलगांव में कैमरा ट्रैक और 3 पिंजरे लगाए गए थे। कैमरे की फुटेज में घटना स्थल के आसपास लकड़बग्घेके पैरों के निशान नजऱ आये कुछ जगह पर तेन्दुए के निशान भी दिखे थे। जब पिंजरे लगाए तब उम्मीद थी कि लकड़ बग्घा फंस जाएगा। लेकिन तेंदुआ हाथ लग गया। जहां से एक ठीक होकर लौट आया जबकि दूसरे का इलाज चल रहा है।
खतरा अभी बरकरार
इस लिहाज देंखे तो खतरा अभी टला नही है। यदि बच्चों पर हमला करने वाला लकड़बग्घा है तो वो अभी भी आज़ाद घूम रहा है। बाहर हाल वन विभाग के अधिकारियों से चर्चा करने के बाद तेन्दुए को ओंकारेश्वर नेशनल पार्क ले जाया गया है। डीएफओ आरके राय ने बताया कि 2 सितंबर को अपने माता पिता के साथ जा रहे एक बच्चे पर किसी जंगली जानवर ने हमला किया था। इसके दो दिन बाद 4 सितंबर को खेत मे जानवर चरा रहे एक और बच्चे पर हमला हुआ।