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सुसाईड पाइंट बना नर्मदा पर बना पुल, कसरावद पुल से सैकड़ों लोगों ने कूदकर दे दी जानें

हर साल पुल से आत्महत्या करने के बाद भी नहीं कर रहे हैं रोकथाम के उपाय, सालों से उठ रही है जाली लगाने की मांग, आदिवासी संगठन ने देश के प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

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People jumped and jumped from Kasrawad bridge

People jumped and jumped from Kasrawad bridge

बड़वानी. शहर से कुछ ही दूरी पर खंडवा-बड़ौदा स्टेट हाईवे पर नर्मदा नदी पर बना पुल सुसाइड पाइंट बना गया है। हर साल यहां से कई लोग छलांग लगाकर अपनी जानें दे रहे हैं। हर साल यहां से कूदकर कई लोग मौत को गले लगा चुके हैं और ये सिलसिला चलता जा रहा है। ये पुल आत्महत्याओं का पुल बन चुका है। इस पर जाली लगाने के लिए कई सामाजिक संगठनों ने मांग भी उठाई, उसके बाद भी कोई निराकरण नहीं हो पा रहा है।

पिछले 13 सालों में इस पुल से कूदकर जान देने वालों की संख्या देखें तो ये साल 2008 से अब तक 130 लोग यहां से कूदकर मौत को गले लगा चुके हैं। वहीं कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें बचाया भी गया है। इसी साल पूल से कूदे एक डूृब प्रभावित को होमगार्ड के जवानों ने बचाया था। आदिवासी संगठन ने प्रधानमंत्री को लिखा है पत्र पुल से कूदकर हो रही आत्महत्याओं के संबंध में मां नर्मदा आदिवासी समाज सेवा संगठन के पदाधिकारियों ने अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पुल पर जाली लगाने की मांग की है। मां नर्मदा आदिवासी समाज सेवा संगठन के संजय गुप्ता ने बताया कि पुल पर जाली लगाने की मांग को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन और आवेदन दिए हैं। उसके बाद भी यहां जाली लगाने के कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं। यहां सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने से लोग आए दिन कूदकर मौत को गले लगा रहे हैं। संगठन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पुल पर जाली लगाने की मांग की है।
वर्ष 2017 में सबसे ज्यादा मौतें
कसरावद पुल से वर्ष 2017 में सबसे ज्यादा 21 लोगों ने आत्महत्या की है। इसके पूर्व 2016 में 15 लोगों ने यहां से छलांग लगाकर मौत का गले लगाया है। इस पुल से 2010 में 13, 2011 में 13, 2012 में 9, 2013 में 8, 2014 में 13 और 2015 में 14 लोग कूदे हैं। हर साल लगातार हो रही मौतों के बाद भी पुल पर न तो जालियां लगाई गई और ना ही यहां कोई गार्ड तैनात किया गया जो इन आत्महत्याओं को रोकने के लिए कोई प्रयास करें।
सुरक्षा के लिहाज से रखवाएं हैं रस्से
पुल से कूदकर हो रही आत्महत्याओं को देखते हुए नगर पालिका ने वहां कूदने वालों को बचाने के लिए एक प्रयास किया है। नगर पालिका अध्यक्ष लक्ष्मण चौहान ने बताया कि भावावेश में आकर व्यक्ति कूद तो जाता है, लेकिन उसे बाद में उसकी गलती का एहसास होता है। पूल से कोई व्यक्ति छलांग लगाते है तो उसे बचाने के लिए वहां दो बड़े रस्से रखवाएं है। इसकी मदद से कूदने वालों की जान बचाई जा सकती है।
साल दर साल इतनों की हुई मौत
2008 - 6
2009 - 4
2010 - 13
2011 - 13
2012 - 9
2013 - 8
2014 - 13
2015 - 14
2016 - 15
2017 - 21
2018 - 10
2019 - 4