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राजस्थान में पशुपालकों के अटके 72 करोड़ रुपए, राशि मिलती तो दीपावली पर बढ़ती खुशियां

मुख्यमंत्री दुग्ध सम्बल योजना से जुड़ा मामला: चार महीने से नहीं मिल रहा अनुदान

बस्सीNov 07, 2023 / 05:16 pm

vinod sharma

राजस्थान में पशुपालकों के अटके 72 करोड़ रुपए, राशि मिलती तो दीपावली पर बढ़ती खुशियां

राजस्थान में पशुपालकों के अटके 72 करोड़ रुपए, राशि मिलती तो दीपावली पर बढ़ती खुशियां

जयपुर सहित आसपास के जिलों में सरस डेयरी की ओर से 25 पैसे प्रति फैट कम कर देने और 4 महीने से मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना के तहत मिलने वाली प्रति लीटर 5 रुपए की अनुदान राशि नहीं मिल रही है। इससे न सिर्फ आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि दुग्ध उत्पादकों में रोष बढ़ रहा है। ऐसे में दीपावली का त्योहार फीका ही मनेगा। दुग्ध संबल योजना के तहत सरकार डेयरी के दुग्ध संकलन केन्द्रों पर दूध देने वाले पशुपालकों को प्रति लीटर दूध पर 5 रुपए की राशि अनुदान के तौर पर दी जा रही थी, लेकिन जुलाई, 2023 से अब तक की यह राशि नहीं मिल रही है। सूत्रों की माने तो जयपुर सहित आसपास जिलों से करीब 12 लाख से अधिक लीटर दूध आता है और योजना के तहत प्रतिदिन 60 लाख रुपए की अनुदान राशि दुग्ध उत्पादकों को मिलती थी।
300 से अधिक केन्द्र….
मानपुरा माचैड़ी़ जोन में दौलतपुरा, बगवाड़ा, खोराश्यामदास, सेवापुरा, चौंप, बिलौंची, जाटावाली, घटवाड़ा, चंदवाजी, सिरोही सहित 300 से अधिक दुग्ध संकलन केंद्रों पर रोजाना करीब सवा लाख लीटर दूध आता है, लेकिन इनसे जुड़े केन्द्रों के दुग्ध उत्पादकों की करीब 7 करोड़ रुपए की राशि बकाया है। हालांकि इनको दूध की कीमत मिल रही है।
इनका कहना है….
रोजाना 40 लीटर दूध डेयरी में दे रहा हूं। मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना के तहत इसके 200 रुपए बनते हैं, लेकिन 4 महीनों से राशि नहीं मिल रही है। 24 हजार रुपए बकाया हैं। यदि यह पैसा मिल जाए तो त्योहार अच्छे से मना सकेंगे।
श्रवणलाल चौधरी, पशुपालक, बगवाड़ा
दुग्ध संकलन केन्द्र पर बकाया अनुदान राशि कब आएगी। इसकी जानकारी तक नहीं दे रहे हैं। ऐसे में दीपावली का पर्व फीका ही मनाना पड़ेगा।
रिशपाल यादव, देगड़ावास खोराश्यामदास

पशुपालन पर निर्भर हूं और रोजाना 70 से 80 लीटर दूध डेयरी में देता हूं। करीब रोज 400 रुपए मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना में बनते हैं। चार महीनों में यह राशि 50 हजार हो गई है। पैसा नहीं मिलने से पशुओं को चारा खरीदने में परेशानी हो रही है। कर्ज लेना पड़ेगा।
सुगलचंद श्योराण, ग्राम मोड़ी गुढ़ासुर्जन
अभी आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे में इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता हूं।
ओमप्रकाश पूनिया, अध्यक्ष, सरस डेयरी

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