पहले बधाल फिर रेनवाल पहुंचे, नहीं बची जान
मनरेगा कनिष्ठ सहायक ने बताया कि महिला श्रमिक की तबीयत बिगड़ने पर उसे तुरंत बधाल के राजकीय अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसकी हालत बिगड़ते देख उसे प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया। इसके बाद मैट व परिजन संतरा देवी को लेकर रेनवाल के सरकारी अस्पताल पहुंचे लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। रेनवाल अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर पोस्टमार्ट के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। महिला का पति गिरधारीलाल भी मजदूरी करता है और महिला के एक बेटा व एक बेटी है।