
सरकारी नौकरी तो मिल गई, अब काम में आ रही शर्म, जुगाड़ से कर रहे बाबूगिरी
कोटपूतली. शिक्षा के सहारे सरकारी नौकरी पाई, अब वही शिक्षा काम के आड़े आ रही है। ऐसे में जुगाड़ लगाकर बाबू का काम ले लिया। कुछ ऐसा ही मामला नगरपालिका में देखने को मिला है। यहां एक तरफ सफाईकर्मियों व फायरमैनों ने महत्वपूर्ण विभागों में काम संभाला हुआ है तो दूसरी तरफ पालिका प्रशासन के जिम्मेदार सीटों से गायब हैं। सफाई कर्मचारी के पदों पर शिक्षित लोगों ने सरकारी नौकरी तो प्राप्त कर ली लेकिन सफाई का काम करना इनको रास नहीं आ रहा है। ऐसे में साहब की कृ पा से ये बाबूगिरी कर रहे हैं।
नगरपालिका में कर्मचारियों का गणित
पालिका में अधिशासी अधिकारी के पद पर विशाल यादव कार्यरत हैं। सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता एक, राजस्व निरीक्षक का एक, वरिष्ठ लिपिक के दो पद रिक्त है। कनिष्ठ लिपिक के आठ में से चार पद रिक्त हैं। फ ायरमैन के 6 पद स्वीकृत हैं, जबकि 7 ड्यूटी कर रहे हैं। सहायक कर्मचारी के 12 में से 9, वाहन चालक के तीन, बागवान का एक तथा सफाईकर्मियों के 62 में से 15 रिक्त हैं।
47 सफाईकर्मी फिर भी व्यवस्था चौपट
वर्तमान में नगरपालिका में 7 फायरमैन व 47 सफाईकर्मी कार्यरत हैं। फायर मैन में से 3 को नगरपालिका में लगाया हुआ है। फायर मैन संदीप शर्मा स्टोरकीपर, कांता मीणा डिस्पेच और सुमन मीणा जन्म-मृत्यु संबंधित कार्य देख रहे हैं। इसके अलावा नगरपालिका में लगाए 47 सफ ाई कर्मचारियों में से 11 ऐसे हैं जो सफ ाई के अलावा अन्य काम देख रहे हैं या छुट्टी पर हैं।
रसूख के हिसाब से पद
नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि नगरपालिका में रसूख का खेल चल रहा है। रसूख के हिसाब से इन सफाईकर्मियों को काम करने और ना करने की आजादी है। कार्यालय में ये सफ ाईकर्मी भूमि शाखा, प्रमाण-पत्र जैसे काम भी देख रहे हैं। पालिका की बोर्ड मीटिंग में मामला आने के बाद उपाध्यक्ष और पूर्व कार्यवाहक ईओ पर तो जांच शुरू हो गई, लेकिन इन पर कार्यवाही नहीं हुई। पार्षदों के विरोध और कस्बे में डगमगाई सफाई व्यवस्था के बावजूद पालिका प्रशासन इन्हें मूल काम पर भेजने में नाकाम रहा है।
अब कैसे करें सफाईकर्मी का कार्य
सफाई कर्मचारियों की भर्ती में कई लोगों ने सरकारी नौकरी पा ली, लेकिन अब मूल कार्य सफाई से कन्नी काट रहे हैं। इनमें से अधिकांश कर्मचारी स्नातक और उसके समक्ष हैं। पढ़े-लिखे होने से अब शर्मिंदगी के कारण शिक्षा कार्य में आड़े आ रही है।
क्या कहते हैं चेयरमैन
पालिका की बोर्ड मीटिंग में ये प्रस्ताव दिया गया था कि जो कर्मचारी अपने पद के अलावा कोई काम कर रहे हैं, उन्हें उनके मूल काम पर लगाया जाए, लेकिन अधिषासी अधिकारी के उपस्थित नहीं होने के कारण इसका कियान्वयन नहीं हो पाया।
महेंद्र सैनी, चेयरमैन नगरपालिका कोटपूतली
Published on:
02 Mar 2020 11:49 pm
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