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कानोता बांध के टूटने का खतरा मंडराया, बांध की पाल पर पेड़ों के कारण माना पानी का रिसाव, दिल्ली की टीम ने किया दौरा

कानोता बांध की 36 फीट भराव क्षमता है और रखरखाव सही नहीं होने से कई जगह गड्ढे हो रहे है।

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बस्सी

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Vinod Sharma

Jan 21, 2018

Latest News Kanota dam

जयपुर। राजधानी के निकट शहर में जलापूर्ति, सिंचाई और पानी संग्रहण के लिए बनाए 36 फीट भराव क्षमता वाले कानोता बांध से पानी रिसाव होने से बांध को नुकसान होने का मामला सामने आया है। दिल्ली से बांध के निरीक्षण के लिए आई टीम ने भविष्य में बांध के टूटने का अंदेशा जताया है।

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सिंचाई विभाग के जेईएन सतीश कुलश्रेष्ट व कर्मचारी रामफूल शर्मा ने बताया कि टीम में रिटायर्ड चीफ इंजीनियर सीडब्ल्यूसी दिल्ली के जी. एस. पूर्व व राकेश कुमार निगम ने बांध का मौका मुआयना कर निरीक्षण कर कहा कि बांध 1999 से काफी पुराना है, बांध का रखरखाव सही नहीं होने से कई जगह गड्ढे है। जी.एस पूर्व ने कहा कि सौन्दर्यकरण से कानोता बांध एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बन सकता है।

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इधर, सिंचाई विभाग के एईएन सूर्यमोहन चमोली ने कहा कि बांध के पाल पर वृक्षों की जड़े बांध के अंदर चले जाने से बांध के नीचे से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है। जिससे बांध कमजोर हो रहा है। इस हालात में बारिश के दिनों अगर पानी का दबाब बढ़ जाता है तो बांध के टूट जाने का खतरा है।

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चौड़ा करने पर विचार
चमोली ने कहा कि अगर पाल पर वृक्षों का सफाया कर सीमेंट से प्लास्टर कर बांध को चौड़ा करने से मजबूती मिल सकती है। इस पर टीम अधिकारी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि घने वृक्ष को हटाना तो मुश्किल है, प्लास्टर कर चौड़ा करने के मास्टर प्लान पर विचार करेंगे। साथ ही बांध के डूब क्षेत्र में वाहन लेकर जाने वाले लोगों पर आपत्ति जताई। जेईएन सतीश कुलश्रेष्ट ने बांध का रास्ता बन्द करवाने का प्रस्ताव रखा।

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बजट की उम्मीद
टीम द्वारा बांध में दूषित पानी की आवक के बारे में पूछा तो सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ब्रह्मपुरी जयसिंहपुरा खोर में प्रशासन ने ट्रीटमेन्ट प्लांट लगाया, लेकिन पानी के दबाब के चलते नाकाम साबित हुआ। माना जा रहा है कि कमेटी की रिपोर्ट देने के बाद कानोता बांध सौन्दर्यीकरण प्रोजेक्ट के लिए बजट की सैागात मिल सकती है। इस मौके पर दिल्ली के अधिकारियों के टीम में एक्सईएन ओपी गुप्ता, सीएम सक्सेन, एमएस जोशी आदि मौजूद थे।