जयपुर। प्रेमानंद महाराज और प्रदीप मिश्रा के बीच का विवाद कई दिन से सुर्खियों में है। मध्यप्रदेश के सीहोर के रहने वाले कथा प्रवक्ता पंडित प्रदीप मिश्रा के श्रीराधा-कृष्ण के विवाह को लेकर अनुचित टिप्पणी के कारण ब्रज-वृंदावन के सभी साधु-संत-कथाव्यास और ब्रजवासी में आक्रोश है।
वहीं अब सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की बाढ़ आ गई है। कभी कहा जाता है कि वृंदावन से एक गोस्वामी ने फोन करके दोनों के बीच सुलह करा दी, जो झूठ था। वहीं अब एक नई फेक खबर सामने आई है कि मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दोनों में सुलह करवाई है। जबकि ऐसी कोई पहल मंत्री विजयवर्गीय ने नहीं की है। यह खबर भी फेक है।
जानिए यह है पूरा मामला
पंडित प्रदीप मिश्रा सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में श्रीराधारानी पर टिप्पणी कर रहे हैं। इसके विरोध में वृन्दावन के संत प्रेमानन्द महाराज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से इसका कड़ा विरोध किया। वैसे प्रेमानन्द महाराज अपने सरल स्वभाव, नम्र व्यवहार और मृदु सरल शैली में उपदेश के लिए जाने जाते हैं, पर इस बार कुछ ऐसा हुआ, जिससे प्रेमानंद महाराज नए रौद्र रूप में दिखाई पड़े।
अपनी इष्ट श्रीराधारानी पर पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा की गई अनर्गल टिप्पड़ी से उनका हृदय आहत हुआ और उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो प्रसारित कर प्रदीप मिश्रा को कहा कि कोई भी श्रीकिशोरीजू के विषय में बोले तो ध्यान रखे, वे हमारा जीवन है, हमारा सर्वस्व हैं। श्रीराधारानी वो हैं जिनकी चरण रज को ब्रह्मा, शिव, शुक, सनकादि भी प्रणाम करते हैं।
वहीं ब्रज के संतों-ब्रजवासियों ने भी मिश्रा के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन चालू कर दिया था और एसपी मथुरा को ज्ञापन भी सौंपा कि प्रदीप मिश्रा के खिलाफ जल्द कार्रवाई हो। हालांकि बाद में प्रेमानंद महाराज के द्वारा नाराजगी व्यक्त करने पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने वीडियो जारी कर प्रेमानन्द महाराज और ब्रजवासियों से माफी मांगी और उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भारत की भूमि पर विराजमान प्रेमानन्द महाराज ब्रज-वृंदावन के बहुत बड़े संत हैं, उनके चरणों को मैं दंडवत प्रणाम करता हूं।
Updated on:
22 Jun 2024 10:25 pm
Published on:
22 Jun 2024 10:24 pm