29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

70 वर्ष बाद भी नहीं बनी सड़क, चारपाई पर ले जाते है मरीज

रायसर के दारोलाई जाने वाली रास्ते का मामला, एनओसी पर वन विभाग का अड़ंगा

2 min read
Google source verification

बस्सी

image

Vinod Sharma

May 27, 2018

No Road Infrastructure

70 वर्ष बाद भी नहीं बनी सड़क, चारपाई पर ले जाते है मरीज

गठवाड़ी (जयपुर)। जमवारामगढ़ पंचायत समिति की रायसर ग्राम पंचायत में रायसर से दारोलाई गांव जाने वाले आम रास्ते पर वन विभाग की एनओसी नहीं मिलने से सड़क नहीं बन पाई है। पथरीले रास्ते में होकर चौपहिया वाहन तो दूर दुपहिया वाहनों का निकलना भी मुश्किल है। इससे गांव के समीप स्थित ढाणियों के बाशिन्दों को आजादी के 70 साल बाद भी ही रास्ते तक मरीजों को चारपाई पर ले जाना पड़ता है।

करीब 800 की आबादी
ऐसा ही नजारा देखने को मिला। करीब 800 की आबादी वाले दारोलाई गांव के समीप स्थित गुर्जरों की ढाणी निवासी बाबूलाल गुर्जर (40) के बीमार होने पर परिजन उसे करीब आधा किलोमीटर तक चारपाई के सहारे लेकर आए। यहां से बाइक पर मरीज को राजकीय प्राथमिक चिकित्सालय रायसर ले जाया गया। परिजनों ने बताया कि कई जगह रास्ते में बाइक भी नहीं गुजर सकती।

सात किलोमीटर में रुकावट
ग्रामीणों का कहना है कि रायसर से दारोलाई गांव तक करीब सात किमी. कच्चे रास्ते पर सड़क निर्माण कार्य वन विभाग की एनओसी नहीं मिलने से नहीं हो पा रहा है। यह रास्ता दारोलाई गांव से चावाका बास होते हुए प्रतापगढ़ को भी जोड़ता है।

विधायक से लेकर मंत्री तक लगाई गुहार
वन विभाग की एनओसी के लिए ग्रामीण क्षेत्रीय विधायक जगदीश नारायण मीणा व केन्द्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धनसिंह राठौड़ से गुहार लगा चुके हैं। सरपंच प्रतिनिधि रायसर राजूलाल मीणा ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए सानिवि से राशि भी स्वीकृत हो गई थी, लेकिन सेंच्यूरी क्षेत्र का हवाला देते हुए सड़क निर्माण कार्य नहीं हो पाया। हालांकि विधायक ने सड़क निर्माण प्रयासरत रहने की बात कही है।

इनका कहना है
वन विभाग की एनओसी के अभाव में दारोलाई गांव जाने वाले रास्ते पर सड़क निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है। इसके लिए विधायक व सांसद को भी लिखित में अवगत करवाया जा चुका है।
मीनादेवी, सरपंच, ग्राम पंचायत रायसर

सड़क निर्माण के लिए एनओसी के प्रयास किए जा रहे हैं। स्थानीय वन अधिकारियों की सहमति से प्रस्ताव तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजा गया है।
नरेन्द्रकुमार मीणा, एसडीएम, जमवारामगढ़