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अगस्त में मानसून की बेरुखी ने तोड़ा एक दशक का रेकॉर्ड, जानिए आगे कैसा रहेगा मौसम

Rajasthan weather update : अगस्त माह में मानसून की बेरुखी ने पिछले दस साल का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। इस बार अगस्त माह में मेघों की मेहरबानी नहीं रही जिससे किसान फसल खराबा होने से चिंता में हैं।

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Rajasthan weather update : जोबनेर। अगस्त माह में मानसून की बेरुखी ने पिछले दस साल का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। इस बार अगस्त माह में मेघों की मेहरबानी नहीं रही जिससे किसान फसल खराबा होने से चिंता में हैं। हर बार जहां अगस्त माह में जमकर बारिश होती थी वहीं इस बार अगस्त का महीना सूखा निकल रहा है।

श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय की मौसम वेधशाला के अनुसार 26 अगस्त तक इस बार केवल 24.8 एम.एम बारिश हुई है जबकि 2017 में 38.4 एम.एम बारिश हुई थी। पिछले 10 वर्ष में यह चौथी बार हुआ है कि जब 100 एम.एम से कम बारिश दर्ज की गई है। पिछले वर्ष जहां अगस्त माह में 150 एम.एम से अधिक बारिश दर्ज की गई थी वहीं इस बार महज 24.8 एमएम बारिश मानसून के परिवर्तन भी दर्शा रही है। जबकि इस वर्ष जून और जुलाई माह में सबसे अधिक बारिश का पिछले 10 वर्ष का रिकॉर्ड टूटा था लेकिन अगस्त में सबसे कम बारिश ने भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

कम बारिश के चलते इस बार किसानों के चेहरे भी मुरझा रहे हैं। जून जुलाई में जहां किसानों के चेहरे पर खुशी की लकीरें थी वहीं अगस्त में किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं। किसानों ने बताया कि जून-जुलाई की बारिश देखकर इस बार बंपर फसल की उम्मीद थी लेकिन अगस्त की बारिश ने उनकी सभी आशाओं पर पानी फेर दिया। इस बार अगस्त माह में सबसे कम हुई बारिश के चलते फसलें सूखने लगी हैं।

आगे क्या
मौसम विभाग के अनुसार मानसून की ट्रफ लाइन का पूर्वी छोर गोरखपुर, पटना, बांकुरा, दीघा से होकर दक्षिण-पूर्व की तरफ और पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी तक जा रहा है। इस ट्रफ से प्रदेश में बरसात की गतिविधियां नहीं होगी। इसके अलावा चक्रवाती परिसंचरण मध्य पाकिस्तान और इससे सटे पश्चिमी राजस्थान पर करीब 1.5 किमी ऊपर तक फैला है, लेकिन फिलहाल उससे भी बरसात की संभावना नहीं है। ऐसे में अगले एक सप्ताह तक मौसम सूखा रहेगा जिसके बाद मानसून का तीसरा फेज आएगा।

वर्ष बारिश
2013-- 210.4 एमएम
2014-- 67 एमएम
2015-- 64 एमएम
2016-- 155 एमएम
2017-- 38.4 एमएम
2018-- 110.6 एमएम
2019-- 184 एमएम
2020-- 172 एमएम
2021-- 112.1 एमएम
2022-- 153 एमएम
2023-- 24.8 एमएम