
कोर्ट का आदेश... कुर्क करो वांटेड अमरमणि की चल-अचल संपत्ति, अंतिम तारीख पर भी नही हुआ कोर्ट में हाजिर
बस्ती। 22 साल पहले हुए व्यापारी पुत्र के अपहरण कांड में जिले की एमपी एमएलए कोर्ट में फरार चल रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की संपत्ति कुर्क करने का आदेश SP बस्ती को दिया है, इसके साथ नई टीम गठित कर वांटेड चल रहे अमरमणि को गिरफ्तार करने को कहा है। अदालत ने दो दिसंबर को उन्हें पेश होने के लिए अंतिम मोहलत दिया था, लेकिन वे पेश नहीं हुए जिसके बाद उनके खिलाफ धारा 83 की कार्रवाई की गई है।
कोर्ट का आदेश, नियति तिथि पर पेश करे कुर्की की लिस्ट
एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरी की अदालत ने अमरमणि को पहले ही भगोड़ा घोषित कर दिया था। दो दिसंबर को सुनवाई के दौरान अभियुक्त अमरमणि त्रिपाठी के विरूद्ध एनबीडब्लू व धारा 82 की कार्यवाही प्रचलित है, किंतु अभी तक पुलिस अधीक्षक द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गयी, इसलिए अमरमणि त्रिपाठी के विरूद्ध धारा 83 की कार्रवाई प्रचलित की जाती है।
पुलिस अधीक्षक द्वारा पूर्व में गठित विशेष टीम अपने कार्य में असफल रही, इसलिए पुलिस अधीक्षक को पुनः निर्देशित किया जाता है कि एक नयी स्पेशल टीम गठित करके अभियुक्त अमरमणि त्रिपाठी की समस्त चल-अचल संपत्ति का पता लगाकर उसकी कुर्की कुलिंदा अग्रिम नियत तिथि तक न्यायालय में पेश करें।
कोतवाल ने मांगी माफी, अगली तारीख 20 दिसंबर
बस्ती जिले में अपहरण के मामले में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के घर चस्पा कुर्की के नोटिस में गलत कोर्ट का उल्लेख कर भ्रामक रिपोर्ट देने पर न्यायालय ने कोतवाल के विरुद्ध अवमानना का वाद दर्ज करने का आदेश दिया है। इसे लेकर कोतवाल विनय पाठक अदालत में हाजिर होकर क्षमा याचना करते हुए प्रार्थना पत्र दिया है, जिस पर अगली सुनवाई 20 दिसंबर तय की गई है।इधर पूर्व मंत्री भी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। न्यायालय ने अमरमणि त्रिपाठी के चल अचल संपति की कुर्की का आदेश दिया है।
22 साल पूर्व अपहरण का यह है मामला
बता दें कि छह दिसंबर 2001 को शहर के व्यापारी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल के अपहरण मामले में सात आरोपियों पर केस दर्ज किया गया था। इसमें हनुमान शुक्ला उर्फ काका, अजय मिश्रा, आनंद सिंह, राम विलास, जग प्रताप वर्मा, नैनीश शर्मा, शिवम आरोपी बनाए गए। तफ्तीश के दौरान पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी का नाम भी केस में जोड़ा गया।पुलिस ने संदीप, हनुमान, अजय, आनंद, राम विलास, जग प्रताप को गिरफ्तार कर लिया। इनको कोर्ट में पेश कर आरोप तय कर दिए। सभी का ट्रायल शुरू हो गया, लेकिन नैनीश, शिवम और अमरमणि एक बार भी कोर्ट में पेश नहीं हुए। तीनों की गिरफ्तारी भी नहीं हुई।
कुछ दिन बाद मुख्य आरोपी संदीप की मौत हो गई। इसके बाद न्यायालय में हाजिर हो चुके राम विलास, अजय मिश्रा, आनंद सिंह, जग प्रसाद व हनुमान शुक्ला ने केस में अपनी फाइल अलग करवा ली। इस तरह से दो फाइल तैयार हुई। एक फाइल में राम विलास, अजय मिश्रा, आनंद सिंह और जग प्रसाद तथा हनुमान शुक्ला हैं। दूसरी फाइल में फरार चल रहे अमरमणि, नैनीश और शिवम का नाम है। इस वजह से पांच आरोपियों की फाइल में ट्रायल चल रहा है।
Published on:
02 Dec 2023 07:49 pm
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