
मनोरमा नदी
बस्ती. खेतों में आने जाने के लिये ग्रामीणों ने नदी की धारा रोक दी और उस रास्ते पर लंबा बांध बना दिया। इस बांध के बनने से नदी की धारा रूक गई है और बांध के दोनों तरफ गंदा तालाब जैसा नजर आ रहा है। मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक अधिकारी अब जांच के बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
अपने आवागमन की सुविधा के लिए नदी पर लकड़ी का पुल बनाने का कार्य तो जनपद के कई गांवों में देखा गया है, पर नदी की धारा रोक कर खेतों में जाने के लिए रास्ता बना लेने की जनपद में शायद यह पहली घटना है, वह भी तब जब गांव में आने जाने के लिए पिच मार्ग पहले से मौजूद है। विक्रमजोत विकासखंड के जीजीरामपुर गांव के पास मनोरमा नदी की धारा रोक कर ग्रामीणों ने आवागमन के लिए पांच फीट चौड़ा व पचास फीट लंबा मजबूत बांध बना दिया है। इस बांध से नदी का बहाव नहीं होने के कारण आसपास जलकुंभी व कटीली झाड़ियां उग आई हैं।
बरसात का पानी निकालने के लिए बंधे में डेढ़ फीट चौड़ी नाली बनाई गई है। नदी में जब कभी पानी बढ़ता है तो एक तरफ से दूसरी तरफ इसी नाली से निकल जाता है। यही वजह है कि मनोरमा नदी अपने प्रवाह क्षेत्र में जगह-जगह सूख कर अस्तित्व विहीन हो चुकी है। नदी की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। यह कार्य सिर्फ एक गांव के लोगों ने अपनी सुविधा के लिए किया है। जिसका दुष्परिणाम नदी के संपूर्ण प्रवाह क्षेत्र को झेलना पड़ा रहा है। ऐसे में अगर कभी तेज बारिश होती है तो नदी के रास्ते में बनाये गये बांध के कारण कई गांव भी डूब सकते हैं।
वहीं इस मामले पर एसडीएम का कहना है कि नदी की धारा रोक कर रास्ता बना दिया जाना गैर कानूनी है। तहसील प्रशासन को इस बात की जानकारी नहीं थी न ही कभी किसी ने शिकायत की है। मामले की जांच की जाएगी तथा नदी की धारा रोकने का जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
BY- SATISH SRIVASTAVA
Published on:
14 Jun 2018 06:30 pm
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