
बस्ती जेल
बस्ती. अभी कुछ ही महीने बीते हैं, यूपी के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल में ही गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। जेल प्रशासन की लापरवाही के चलते यूपी के जेलों में कैदियों की सुरक्षा और कड़ाई के दावों की पोल खुल गयी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जेलों में सुरक्षा और नियमों का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया। पर इन आदेशों का पालन भी नहीं किया जा रहा है। सबूत ये कि उसके बाद कई जेलों में औचक छापेमारी हुई और ज्यादातर जगहों से मोबाइल और धारदार हथियार आदि प्रतिबंधित चीजें बरामद की गयीं। बस्ती जिला जेल में भी शनिवार को अचानक ही डीएम ने छापा मारा तो वहां मोबाइल मिला। इस मामले में तीन बंदी रक्षकों को निलंबित कर दिया गया है जबकि पांच पर विभागीय कार्यवाही प्रस्तावित की गयी है।
शनिवार को जिलाधिकारी डॉ. राजशेखर प्रभारी एसपी पंकज और एडीएम को लेकर जिला जेल पहुंचे। उनके पहुंचने वा वहां हड़कम्प मच गया। अधिकारियों ने जेल का एक-एक बैरक देखा और सभी में गहन तलाशी करायी गयी। इस तलाशी के दौरान बैरक नंबर पांच से दह मोबाइल बरामद हुए। बरामदगी के बाद तो जेल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। डीएम ने तत्काल मामले में कार्रवाई का आदेश दिया। इसके क्रम में वरिष्ठ जेल अधीक्षक संतलाल यादव ने बैरक के बंदी रक्षक विनय कुमार, पांचू राम भारती और राम अयोध्या प्रसाद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
इसके बाद अधिकारियों ने हर बैरक की तलाशी ली और जेल प्रशासन को बैरकों में लगातार सर्च अभियान जारी रखने को कहा। बता दें कि इसके पूर्व भी तीन बार बस्ती जेल की तलाशी हो चुकी है और मोबाइल मिलता रहा है। 19 जुलाई और 14 अगस्त को जेल की तलाशी के दौरान दो-दो मोबाइल बरामद किए गए थे। इसके बाद 17 अगस्त को एसपी दिलीप कुमार, सीडीओ अरविंद कुमार की छापेमारी में बैरकों में जमीन के अंदर गड्ढ़ा खोदकर छिपाए गए 26 मोबाइल बरामद होने से सनसनी फैल गई थी।
छापेमारी में लगातार जेल में मिल रहे मोबाइल से बंदी रक्षकों की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे थे। डीएम ने बताया कि मामले में तीन बंदी रक्षकों को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। वहीं पांच बंदी रक्षकों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।
By Satish Sriwastava
Published on:
01 Sept 2018 07:00 pm
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