
मायावती अखिलेश और नरेन्द्र मोदी
बस्ती . 2019 के लोकसभा चुनाव में अगर सियासी पंडितों की नजर किसी प्रदेश पर रहेगी तो वो है उत्तर प्रदेश और किसी गठबंधन पर रहेगी तो वो होगा सपा और बसपा का गठबंधन। फूलपुर, गोरखपुर और कैराना के उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद दोनों दलों ने अपनी ताकत का एहसास सियासी पंडितों को करा दिया था। अब बीजेपी इन दोनों दलों की संयुक्त ताकत को कमजोर करने में जुटी है। इसमें वह सहयोगी दलों की भी मदद ले रही है। भारतीय जनता पार्टी के तो एक सहयोगी दल ने यहां तक कह दिया है कि यदि यूपी में भाजपा उन्हें सपोर्ट कर दे तो वह बीजेपी को दलितों का अच्छा वोट मिल सकता है।
हम बात कर रहे हैं केन्द्र सरकार में मंत्री रामदास अठावले की पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की। अठावले ने दावा किया है कि यूपी में सपा-बसपा के गठबंधन से उन्हें कोई डर नहीं। यह गठबंधन होने पर बीजेपी और मजबूत होगी। हालांकि उन्होंने साथ ही यह शर्त भी जोड़ी है कि यूपी में अगर उनकी पार्टी आरपीआई को बीजेपी का सपोर्ट मिलेगा तो भाजपा को दलितों का अच्छा वोट मिलेगा।
अठावले यूपी के बस्ती जिले में मीडिया से रूबरू थे। उन्होंने कहा कि कभी चरण सिंह की सरकार में उनके चार मंत्री हुआ करते थे, पर मायावती ने उनके घर पर कब्जा कर लिया। अब मुझे भी मायावती के घर पर कब्जा करने का अधिकार है। कहा कि मैं उन्हें बताने आया हूं कि आधी सीट तुम रखो और आधी सीट मुझे दे दो। वहीं उन्होंने एससी एसटी कानून को लेकर केन्द्रीय मंत्री अठावले ने कहा कि कहा कि न्यायपालिका को कानून के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहिये। जो कानून पार्लियामेंट ने बनाया है उसे इम्प्लीमेंट करने का काम न्यायपालिका का होता है। न्यायपालिका जब इस तरह का निर्णय ले लेती है तो उसमें सरकार को दखल देना ही पड़ता है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि कानून बनना चाहिये, पर कानून से समाज में परिवर्तन नहीं होता। बलात्कार पर फांसी की सजा होने के बावजूद बलात्कार हो रहे हैं। दलितों की सुरक्षा के लिये कानून है, पर उन पर अत्याचार हो रहे हैं। कहा कि उनका मानना है कि सुरक्षाके लिये कानून बने और समाज परिवत्रन भी होना चाहिये। उन्होंने समाज के अंदर गलत विचार धारा को खत्म करने पर जोर दिया।
By Satish Srivastava
Updated on:
08 Sept 2018 06:03 pm
Published on:
08 Sept 2018 05:50 pm
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