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कांग्रेस में चल रहा विग्रह मुख्यमंत्री के लिए चुनौती

-भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने सरकार पर साधा निशाना, बोले, मुख्यमंत्री के राजनैतिक जीवन में सचिन पायलट रुपी बे्रकर, पार्टी के विग्रह से प्रदेश की गर्वेनस पर असर

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कांग्रेस में चल रहा विग्रह मुख्यमंत्री के लिए चुनौती

कांग्रेस में चल रहा विग्रह मुख्यमंत्री के लिए चुनौती

ब्यावर. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि बोर्ड के गठन का काम जो छह माह पहले किया जाना चाहिए। वों लगातार टलता ही जा रहा है। यह आलाकमान के लिए संकट है एवं उनके लिए भी संकट है। जो शुरुआत राजभवन में 2018 में हुई थी। उस तरह का विग्रह आज भी कांग्रेस पार्टी में है। इसलिए मुख्यमंत्री के लिए भी चुनौती है। अब तक मुख्यमंत्री का राजनैतिक जीवन बिल्कुल स्मूथ रोड की तरह था। अब सचिन पायलट रुपी एक ब्रेकर है। पूनिया मंगलवार को पुष्कर में आयोजित चिंतन बैठक में जाते समय अल्पप्रवास पर यहां रुके थे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी का विग्रह प्रदेश की गर्वेनस पर असर डालता है। इस कारण से प्रदेश मे तीन साल में अपराध, कर्जा माफी, बेरोजगारी ज्वलंत मुद्दे है। इस पर सरकार ने ईमानदारी से काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि आज वों इंडस्ट्री के लोगों से मिला। सबसे बडी मार तो बिजली को लेकर है। जो फ्यूज चार्ज बढाए, इससे पांच सौ करोड से बडा नुकसान उन पर होगा। उन्होंने कहा कि उपचुनाव जोड तोड से जीत लिया है लेकिन यह कांग्रेस के स्थायी नहीं है। इस चुनाव में हमारी कमियां रही है। एक सवाल में जवाब में उन्होंने कहा कि प्रदेश मे चिकित्सा की व्यवस्था खराब है। कोरोना के समय जैसी अव्यवस्था थी। वैसी ही अव्यवस्था अब डेंगू के समय है। इससे आमजन परेशान है।चिकित्सा का मेनजमेंट गडबडा गया है। डेंगू के रोगी तेजी से बढ रहे है। सरकार व्यवस्था करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा किसानों के कर्जा माफी की घोषणा की। इसके तहत साठ लाख किसानों को एक लाख बीस हजार करोड का माफ करना था। बेरोजगारी 27 प्रतिशत है। अपराध में प्रदेश मे साढे छह लाख मुकदमे पहली बार दर्ज हुए है।
सरकार का झूंठ सामने आया
वेट को लेकर सरकार की हठधर्मिता है। केन्द्र सरकार ने कम कर दिया है। लेकिन प्रदेश सरकार नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार केन्द्र को चि_ी लिख रहे थे लेकिन कल उनका झूंठ सामने आ गया। इसमें केन्द्र सरकार ने बताया कि एक्साइज डयूटी कम की है। उससे सरकार का रेवेन्यू लोस नहीं होगा बल्कि केन्द्र उसको वहन करेगी। अब प्रदेश सरकार को वेट कर आमजन को राहत देनी चाहिए। देश में वेट के कारण सबसे अधिक पेट्रोल-डीजल राजस्थान में मंहगा है।एक सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस व भाजपा की राजनीति की इसलिए तुलना नहीं कर सकते कि वों अब सत्ता में है। अब उनके भीतर जो अन्र्तकलह है। वैसी प्रवृति भाजपा में नहीं है। दूसरी बात किसी जमाने में कहते थे कि भाजपा में नेताओं की कमी है लेकिन आज हमारे पास इस कद के बहुत सारे नेता है। इस कारण से इसको कुछ लोग गुटबाजी मानते है लेकिन हम आलाकमान से बंधे हुए है। संसदीय बोर्ड से बंधे हुए है। आज भले ही ऐसी चर्चा हो लेकिन पार्टी के भीतर ऐसा कुछ नहीं है।