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राजस्थान के इस गांव में पहली बार हुआ दाह संस्कार, प्रशासन ने तय की जगह, जानें पूरा मामला

ग्राम मकरेड़ा के चीतों का बाड़िया में एक जने की मृत्यु हो गई। इस गांव में मिट्टी दाग देने की परम्परा रही है, जबकि मृतक के पुत्र दाह संस्कार करने के इच्छुक थे।

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अंतिम यात्रा के निकलने के दौरान मौजूद पुलिसकर्मी। फोटो पत्रिका

ब्यावर। सदर थाना क्षेत्र के ग्राम मकरेड़ा के चीतों का बाड़िया में गुरुवार को एक जने की मृत्यु हो गई। इस गांव में मिट्टी दाग देने की परम्परा रही है, जबकि मृतक के पुत्र दाह संस्कार करने के इच्छुक थे। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर श्मशान स्थल के लिए जगह चिह्नित की। इसके बाद परिवारजन की इच्छा के अनुरूप अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।

जानकारी के अनुसार ग्राम मकरेड़ा चीतों का बाड़िया में गुरुवार को साजन सिंह की मौत हो गई। इनके पुत्रों ने जिला प्रशासन से सम्पर्क कर दाह संस्कार करने की इच्छा जताई। गांव में इसके लिए श्मशान स्थल की जगह चिन्हित करने की मांग की। बताया जा रहा है कि गांव में अब तक मिट्टी दाग देने की परम्परा रही है।

जानकारी मिलने पर तहसीलदार हनुतसिंह, सहायक पुलिस अधीक्षक राजेश कसाना, सदर थानाधिकारी गजराज मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। उधर सूचना मिलने पर विधायक शंकरसिंह रावत भी चीतों का बाड़िया पहुंचे। प्रशासन ने श्मशान स्थल के लिए जमीन चिन्हित की। इसके बाद अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा में विधायक रावत भी शामिल हुए।

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मकरेडा के पास चीतों का बाड़िया गांव में साजनसिंह का देहांत हो गया। इनके पुत्रों ने दाह संस्कार की इच्छा जताई। तहसील प्रशासन ने श्मशान के लिए जगह चिन्हित कर समस्या का समाधान किया।

राजेश कसाना, सहायक पुलिस अधीक्षक, ब्यावर

गांव में मिट्टी दाग देने की परम्परा थी। साजन सिंह के परिवार वालों ने दाह संस्कार को लेकर जिला प्रशासन को सूचना दी। गांव में दाह संस्कार के लिए स्थान नहीं था। ऐसे में प्रशासन की टीम पहुंची। स्थान चिन्हित कर जमीन दी गई, जहां अंतिम संस्कार किया गया।

हनुतसिंह, तहसीलदार