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42 साल बाद छलका कालीकांकर तालाब, ग्रामीणों ने जताई खुशी

अच्छी बरसात के चलते क्षेत्र के तालाबों में अच्छी आवक हुई है। करीब 42 साल बाद कालीकांकर तालाब छलका।

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फोटो पत्रिका

जवाजा(ब्यावर)। अच्छी बरसात के चलते क्षेत्र के तालाबों में अच्छी आवक हुई है। करीब 42 साल बाद कालीकांकर तालाब छलका। तालाब के चादर चलने को लेकर ग्रामीणों में उत्साह है। तालाब की पाल पर शनिवार को लोगों की खासी आवाजाही रही। तालाब की पाल के आस-पास ग्रामीणों ने जेसीबी से सफाई करवाई।

कालीकांकर तालाब की चादर के बराबर पानी पहुंच गया है। पानी छलकना शुरु हो गया है। इस मनोरम व सालों बाद बने दृश्य को देखने के लिए लोगों की खासी रेलमपेल रही। ग्रामीणों ने बताया कि यह तालाब आखिरी बार 15 अगस्त 1983 को छलका था। तब से लगातार बारिश के बावजूद पानी का स्तर इतना नहीं भर पाया था। इस बार झमाझम बारिश ने तालाब को छलका कर 42 साल बाद एक ऐतिहासिक क्षण आया है।

चलाया सफाई अभियान

वार्डपंच प्रदीप सिंह (कालीकांकर), अरविन्द सिंह (लालपुरा) के साथ गोविंद सिंह, राम सिंह, जुझार सिंह, नेपाल सिंह, कैलाश सिंह, इंदु सिंह, सूरज सिंह, महावीर सिंह, पप्पू सिंह सहित ग्रामीणों ने मिलकर जेसीबी मशीन से सफाई कार्यक्रम चलाया। इससे तालाब के पानी का बहाव सुचारू बना रहे।

चल रही है चादर

क्षेत्र के राजियावास, जवाजा, देवाता सहित अन्य तालाबों की भी चादर चल रही है। क्षेत्र के कई तालाबों की चादर चलने के कारण फूलसागर तालाब में भी पानी की आवक हुई है। इस बार पानी गेज तक पहुंचा है। लगातार पानी की आवक रही तो इस बार सालों बाद फूलसागर में पानी की आवक होगी।