
बेमेतरा . जिला मुख्यालय में 421 लाख की लागत से बने स्टेडियम में उद्घाटन के बाद भी ट्रैक का निर्माण नहीं किया गया है। जिसके कारण स्टेडियम की उपयोगिता बेकार साबित हो रही है। मई 2016 से लोकार्पण किए जाने के बाद से स्टेडियम में आज तक एक खेल का एक आयेाजन तक नहीं किया जा सका है। बताना होगा कि शहर से 4 किलोमीटर दूर ग्राम कंतेली में नगर पालिका द्वारा 421 करोड़ रुपए खर्च कर बनाए गए इनडोर व आउटडोर स्टेडियम के लिए शासन द्वारा जारी किया गया फंड खर्च किया जा चुका है, लेकिन आज तक मैदान में ट्रैक निर्माण नहीं किया जा सका है। जिसके कारण आज तक खेल का आयेाजन नहीं किया जा सका है। स्थिति को लेकर स्थानीय अधिकारी भी कई बार स्टेडियम की हालत सुधारवाने के लिए निरीक्षण कर चुके हैं, जिसके बाद भी हालातों में सुधार नहीं किया गया है। न ही अतिरिक्त फंड जारी कर उपयोगिता साबित करने का प्रयास किया गया है। इसी वजह से स्टेडियम की स्थिति सुधारने की बजाय खराब होने लगा है।
स्टेडियम में उग आए हैं खरपतवार
नियमित खेल गतिविधियों का संचालन नहीं होने के कारण जिले के सबसे बड़े स्टेडियम के खाली पड़े मैदान में जगह-जगह घास-फूंस सहित खरपतवार उग आए हैं। ग्रामीण राम साहू ने बताया कि घास-फूंस व खरपतवार की वजह से स्टेडियम में खुले पैर चलना खतरे से कम नहीं है। ऐसे में स्टेडियम में दौड़ लगाने की हिम्मत कोई नहीं दिखा रहा है। स्टेडियम में मैदान के अलावा बैच की स्थिति भी ठीक नहीं है।
लाईटिंग की व्यवस्था नहीं, रात में पसरा रहता है अंधेरा
मैदान में रात में रोशनी के लिए लाईटिंग की व्यवस्था आज तक नहीं किया गया है। जिसके कारण रात होते ही स्टेडियम में चारों तरफ अंधेरा पसर जाता है। शाम ढलते ही स्टेडियम में ताला लगाना पड़ता है। बीते वर्ष पालिका द्वारा शासन के शेष बचे कार्यों के लिए 70 लाख की राशि का डिमांड प्रस्तुत किया गया था, जिसके बाद आज तक राशि को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। जिसकी वजह से ट्रैक निर्माण, विद्युतीकरण सहित अन्य रुके हुए कार्यों को नहीं किया जा सका है। एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आवंटन को लेकर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। पूर्व में निर्माण के दौरान ट्रैक का निर्माण किए जाने को लेकर गंभीरता नहीं दिखाए जाने के कारण उद्घाटन के दो साल बाद भी स्टेडियम बेकार साबित हो रहा है।
मैदान समतल नहीं होने के कारण कोबियाभाठा में खेल रहे खिलाड़ी
स्टेडियम निर्माण के बावजूद जिले के खिलाड़ी इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। क्योंकि स्टेडियम में मैदान का समतलीकरण नहीं किया गया है। जिसकी वजह से यहां पर खेलना मुश्किल है। ज्ञात हो कि स्कूलों में खेल कैलेंडर के अनुसार सालभर खेलों का आयोजन किया जाता है। जिसके लिए खिलाडिय़ों व प्रबंधन को कोबिया भाठा जाना पड़ता है। यहां पर बिना किसी सुविधा के मुरुम वाली जमीन पर खेल का प्रदर्शन करना खिलाडिय़ों की मजबूरी है।
मैदान ठीक नहीं होने के कारण पुलिस लाइन में कराई गई मार्चपास्ट की प्रैक्टिस
राष्ट्रीय पर्व के लिए मार्चपास्ट का अभ्यास पहले बेसिक स्कूल मैदान में किया जाता था। लेकिन जनवरी में बेसिक स्कूल मैदान में एक अन्य आयोजन संचालित होने की वजह से स्टेडियम में मार्च पास्ट की तैयारी की गई, लेकिन मैदान सही नहीं होने के कारण परेड की तैयारी पुलिस लाइन में कराया गया। वहीं दूसरी सुविधाएं भी नहीं होने के कारण खेलों का आयोजन भी नहीं किया जा सका है। स्कूल व कॉलेज स्तर की खेल गतिविधियां स्टेडियम होने के बावजूद दीगर स्थानों पर संचालित की जा रही है।
रायपुर की कंपनी के अधिक दर पर कराया निर्माण
जानकारों के अनुसार स्टेडियम का निर्माण 15 प्रतिशत अधिक दर पर कराया गया है। जिसके लिए ठेका बकायदा रायपुर की कंपनी को दिया गया था। इसके बावजूद सुविधाविहीन स्टेडियम का निर्माण कराकर पालिका ने स्टेडियम की उपयोगिता को बेकार साबित कर दिया है। इस संबंध में कलक्टर कार्तिकेया गोयल ने कहा कि मामले में पालिका प्रशासन से स्टीमेट व मूल्यांकन की फाइल प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। गड़बड़ी होने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
21 Mar 2018 07:20 am
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