सबसे पहले कक्षा के बच्चों की भाषा को चार स्तर वर्ण, मात्रा, शब्द एवम वाक्य में विभाजित कर लें, उसके पश्चात् बच्चों को उनके स्तर के अनुसार गृह कार्य अपने हाथों से दें और जांचे। जांचने के उपरांत जो कमजोरी दिखे उसे सुधारने का सिर्फ निर्देश न दे पुन: कार्य दें, साथ में इस बात का भी खास ध्यान रखें बच्चा जब भी लिखे तो बोल कर ही लिखे अन्यथा लिखे ही न। यही उनके पालकों से भी निवेदन करें।